شعر و ادبیات

दीवान -ए- इमाम ख़ुमैनी
इमाम खुमैनी की प्रासंगिक , आध्यात्मिक रचनाएं उनकी महानता की घोतक हैं जिन्हें “सूरए अलहम्द” “आदाब अल सलात” “मिसबाह अल हिदाया” “इलल ख़िलाफ़ा व अल विलाया” “अरबईन” (चालीस हदीसें) “शरहे दुआए सहर” “तालीक़ा बर फ़ुसुसुल हिकमा” “दीवाने असरार” (काव्य संकलन) तथा “इर
हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स.) का मरसिया
हज़रत फ़ातेमा ज़हरा पर दुखों के पहाड़ कब से टूटना आरम्भ हुए इसके बारे में यही कहा जा सकता है कि जैसे ही पैग़म्बरे इस्लाम ने इस संसार से अपनी आखें मूंदी, मुसीबतें आना आरम्भ हो गईं, और इन मुसीबतों का सिलसिला एक के बाद एक बढ़ता ही चला गया।