دشمنان اسلام
विकीलीक्स द्वारा जारी नए दस्तावेज़ों से पता चलता है कि 2012 में ज़ायोनी शासन इस्राईल सऊदी अरब के एक सैन्य अड्डे से इरान पर हमला करने के फिराक़ में था।
सीरिया के रक़्क़ा शहर के एक सूत्र ने बताया है कि इराक़ के शहर मूसिल से दाइश के आतंकवादी अपने परिवार के साथ भाग कर रक़्क़ा पहुँच रहे हैं
मूसिल से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार इराक़ की सेना ने इस देश के स्वयंसेवी बलों के साथ संयुक्त अभियान के दौरान "हमरैन" में मूसिल के उस मुख्यालय को नष्ट कर दिया जहां से दाइश के आतंकवादी विभिन्न क्षेत्रों में हमले किया करते थे।
नाईजीरिया में आज़ादारों पर सेना के हमले की तस्वीरें
रूस के एक सरकारी अधिकारी ने बताया है कि अमरीका और सऊदी अरब ने हाथ मिलाया है ताकि इराक़ के मूसिल में इराक़ी सेना की कार्यवाही आरम्भ होने से पहले ही वहां मौजूद आतंकवादियों को पूर्ण सुरक्षा के साथ सीरिया पहुँचाया जाए।
सऊदी अरब के युद्धक विमानों ने 8 अक्तूबर की रात को यमन की राजधानी सना में एक इमामबाड़े में हो रही मजलिस पर बमबारी कर दी जिसमें यमनी सूत्रों के अनुसार 700 से अधिक लोग शहीद व घायल हो गये।
ब्रिटिश समाचार पत्र दी गार्डियन के अनुसार ब्रिटेन ने यमन में युद्ध में युद्ध अपराधों के संबंध में एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच की स्थापना के लिए यूरोपीय संघ के प्रयासों को अवरुद्ध कर दिया है।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार उत्तरी इराक़ के मूसिल नगर में दाइश के क़ानूनों के अनुसार नमाज़े जुमा का ख़ुतबा न देने के कारण दो सुन्नी इमामों को इस आतंकी गुट ने मौत के घाट उतार दिया।
संयुक्त राष्ट्र ने इस कार्यक्रम को रद्द करने का फैसला उस समय किया जब सऊदी अरब ने संयुक्त राष्ट्र के हवाई जहाज़ के यमन की वायु सीमा में प्रवेश पर रोक लगा दी थी।
जार्डन के वहाबी मुफ़्ती अबू मुहम्मद अलमक़दिसी ने ट्वीट में अमरीका से सीरिया में थल सेना भेजने की मांग की की और कहा था कि सीरिया में अमरीकी सेना को सीरियन केन्द्रों और सैनिकों को निशाना बनाना चाहिये, जिसके जवाब में अमरीकी सेना ने आतंकवादियों का समर्थ करते
वहाबी आतंकी संगठन दाइश ने अपनी क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए बकरीद पर अपने कैदियों को बकरे की तरह टांग ज़बह कर दिया।
वहाबी मुफ़्ती "नासिर अल उमर" ने सीरिया के आतंकियों को उनकी बहनों से शादी करने का फ़तवा दिया है। उसने कहा कि कुछ लोग "जेहादे निकाह" के फ़तवे की निंदा कर रहे हैं लेकिन वह सीरिया में मरने वाले बेगुनाह औरतों और बच्चों की मौत के विरोध में क्यों नही बोलते हैं?
इस्राईली सेना के अनुसंधान केन्द्र के हिज़्बुल्लाह की 2006 में इस्राईल के विरुद्ध युद्ध के बाद बढ़ती सैन्य शक्ति के बारे में जारी आंकड़ों ने ज़ायोनी पिछली हार के डर को कई गुना अधिक बढ़ा दिया है।