हिज़्बुल्लाह की बढ़ती ताक़त ने इस्राईल को भयभीत किया

इस्राईली सेना के अनुसंधान केन्द्र के हिज़्बुल्लाह की 2006 में इस्राईल के विरुद्ध युद्ध के बाद बढ़ती सैन्य शक्ति के बारे में जारी आंकड़ों ने ज़ायोनी पिछली हार के डर को कई गुना अधिक बढ़ा दिया है।

 

इस्राईली सेना के अनुसंधान केन्द्र के हिज़्बुल्लाह की 2006 में इस्राईल के विरुद्ध युद्ध के बाद बढ़ती सैन्य शक्ति के बारे में जारी आंकड़ों ने ज़ायोनी पिछली हार के डर को कई गुना अधिक बढ़ा दिया है।

टीवी शिया ज़ायोनी सेना की ब्रिगेड 300 के कर्नल अलून मदन्स" ने लेबनान की सीमा पर स्थित निगरानी टावर पर गश्त करते हुए ज़ायोनी संवाददाता से कहाः हिज़्बुल्लाह हमारी गतिविधियों पर नज़र रख रहा है जैसे हम उन पर नज़र रखे हुए हैं।

उन्होंने आगे कहाः जो क्षेत्र हमारी नज़र से छिपे हुए हैं उन्होंने हमको बहुत अधिक चिंतित कर रखा है।

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ज़ायोनी रिपोर्ट ने कहाः हिज़्बुल्लाह एक आतंकवादी संगठन के आगे बढ़कर एक सुसज्जित और सशस्त्र सेना में बदल चुका है जो लगातार अपनी शक्ति बढ़ा रहा है।

खोज और जानकारियां इकट्ठा करने के क्षेत्र में हिज़्बुल्लाह ने बढ़ी छलांग लगाई है और उसके पार बहुत से ड्रोन विमान हैं और रिमोट कंट्रोल प्रौद्योगिकी भी उसके पास है।

ज़ायोनी सेना के पूर्व कमांडर नौआन तीफ़ून ने बतायाः उच्च लड़ाकू क्षमता के बावजूद सीरिया में तकफ़ीरियों के मुक़ाबले में हिज़्बुल्लाह को अपने बहुत से सदस्यों से हाथ धोना पड़ा है, लेकिन इस युद्ध ने हिज़्बुल्लाह की गोरिल्ला युद्ध की क्षमताओं को बहुत अधिक बढ़ा दिया है।

उन्होंने कहाः अध्ययनों से पता चलता है कि 2006 में हिज़्बुल्लाह के सदस्यों की संख्या 17 हज़ार थी जो 2016 में बढ़कर 45 हज़ार हो गई है।

2006 के युद्ध में हिज़्बुल्लाह के कम दूरी वाले मीज़ाइलों की संख्या 10 हज़ार थी जो अब एक लाख हो चुकी है और हिज़्बुल्लाह के यह मीज़ाइल हैफ़ा तक को अपना निशाना बना सकते हैं।

हिज़्बुल्लाह के मध्यम दूरी वाले मीज़ाइलों की संख्या 2006 में 800 थी जो अब कई हज़ार हो चुकी है।

और हिज़्बुल्लाह की लंबी दूरी की मीज़ाइलों की संख्या जो कि 2006 में 50 थी अब 1000 से अधिक हो चुकी है।

ज़ायोनी रिपोर्टर ने लिखाः इस आधार पर यह समझना मुश्किल नहीं है कि हिज़्बुल्लाह के साथ अगली जंग 33 दिनों वाली जंग से अधिक कठिन कहीं अधिक नुक़सान वाली होगी जिसमें इस्राईल के बहुत से क्षेत्रों और जनता को नुक़सान उठाना होगा, विशेष कर तब जब हम सभी जानते हैं कि इस्राईल का एंटी मीज़ाइल सिस्टम हिज़्बुल्लाह के मीज़ाइलों को रोक पाने में सक्षम नहीं है।

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