حضرت علی ع
नहजुल बलाग़ा एक प्रकार का इस्लामी शिक्षाओं का इंसाइक्लोपीडिया है। नहजुल बलाग़ा एक महान व्यक्ति की महान पुस्तक है और हम उससे कितने दूर हैं ?
नहजुल बलाग़ा एक प्रकार का इस्लामी शिक्षाओं का इंसाइक्लोपीडिया है। नहजुल बलाग़ा एक महान व्यक्ति की महान पुस्तक है और हम उससे कितने दूर हैं ?
कुरान और हदीस की दृष्टि से अली इब्ने अबी तालिब की इमामत व विलायत पर दलीलें पेश की गई है.
हमारा अक़ीदह है कि पैग़म्बरे इस्लाम के असहाब में बहुत से लोग बड़े फ़िदाकार बुज़ुर्ग मर्तबा व बाशख़्सियत थे। क़ुरआने करीम व इस्लामी रिवायतों में उनकी फ़ज़ीलतो का ज़िक्र मौजूद हैं।लेकिन इस का मतलब यह नही है कि पैग़म्बर इस्लाम (स.)के तमाम साथियों को मासूम मा
हज़रत अली ने अपने बेटों के नाम अबू बकर उमर उस्मान क्यों रखा?
बनी उमय्या समर्थक नासबी कहते हैं किसी सहाबी के गलत कामों को बयान करना कुफ्र है. और उनकी आलोचना करना कुफ्र है. और इसीलिए शिया काफ़िर है अगर कुफ्र का मेयार वाकई किसी सहाबी की आलोचना करना ही है तो सबसे बड़े काफ़िर बनी उमय्या हुए जो लंबे समय तक सहाबी अली इब्न
खुद इमाम अली ने चुप रहने की इल्लत इस तरह बयान क्या है दरअसल, इस्लाम और इस्लामी एकता बनाए रखने के लिये में चुप रहा हैं.
अली परमेश्वर को किसी ने नहीं पहचाना सिवाय मेरे और तुम्हारे और तुम्हे किसी ने नहीं पहचाना सिवाय मेरे और अल्लाह के .
इस वीडियों में ग़दीर के दिन , नमाज़ के बाद पढ़ी जाने वाली दुआ के बारे में बताया गया है।
इस वीडियों में ग़दीर और उसके आमाल के बारे में बताया गया है कि हमें ईदे ग़दीर के दिन क्या क्या करना चाहिऐ।
इस विडियों में ग़दीर के बारे में बताया गया है, सुराये मायदा की 3 आयत कब और कहाँ उतरी इस ओर भी ईशारा किया गया है, इस आयत से सम्बन्धित सभी प्रशनों का उत्तर दिया गया है और अन्त में यह कहा गया है कि यह आयत हज़रत अली (अ) के बारे में ही उतरी है।