عرفان اسلامی
ख़ुदा वंदे आलम ने विभिन्न आयतों में असहाब रसूल को मुख़ातब किया है कुछ आयतों में सहाबा की प्रशंसा की है और कुछ आयतों में निंदा की है
खुदा को किसी भी हालत में नहीं देख सकते इस की दलील कुरआन की आयतों में बयान हो चुकी है जैसे हज़रत मूसा को खुदा का जवाब قالَ رَبِّ أَرِني أَنْظُرْ إِلَيْكَ قالَ لَنْ تَراني
ख़ुदा वंदे आलम ने विभिन्न आयतों में असहाब रसूल को मुख़ातब किया है कुछ आयतों में सहाबा की प्रशंसा की है और कुछ आयतों में निंदा की है
वहाबियों का कहना है खुदा के अलावा किसी को मदद के लिये पुकारना शिर्क है. इसलिए, हर कोई पैगम्बर को पुकारे या कहे मेरी शफ़ाअत करें इस स्थिति में उस व्यक्ति ने उस की पूजा की है.
आज की दुनिया में कुछ मुतअस्सिब वहाबियों का ये कहना है शिया कुरान में तेहरिफ के कायल हैं. शियाओं का कुरान हमारे कुरान से फर्क करता है.
इमाम अली (अ) ने इस संबंध में कहा: हे भगवान मै गूलात से दूरी तलब करता हुँ. बिलकुल उसी तरह जिस तरह ईसा इब्ने मरियम ने ईसाइयों से दूरी तलब की थी.