अच्छा अख़लाक़

अच्छा अख़लाक़

सकीना बानो अलवी

अख़लाक़ या व्यवहार एक ऐसी चीज़ है जिसकों इस संसार में बहुत महत्व दिया जाता है और इस्लाम ने इस पर बहुत ताक़ीद की है और कहा है कि इन्सान को अच्छे व्यवहार वाला होना चाहिए, दूसरों से अच्छी बातें करनी चाहिए और किसी को परेशान नहीं करना चाहिए।

अहलेबैते अतहार ने भी अच्छे व्यवहार को बहुत महत्व दिया है और अपने शियों को यह आदेश दिया है कि उनको अपने व्यवहार का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि इन्सान अपने व्यवहार से ही पहचाना जाता है इसीलिए हदीस में है कि इस संसार के कितने ही महान लोग थे जो अपने बुरे व्यवहार के कारण अपमानित हो गए और कितने ही बुरे लोग थे जो अपने अच्छे व्यवहार के कारण सम्मानित हुए, और चूँकि इन्सान को को उनके व्यवहार से पहचाना जाता है इसी लिए मासूम ने एक हदीस में फ़रमाया है कि हे मेरे शियों हमारे लिए सम्मान का कारण बनना अपमान का नहीं (1), कहीं ऐसा न हो कि कोई तुम्हारे बुरे व्यवहार को देखकर यह कह दे कि देशों यह हैं अली के शिया।

अख़लाक़ का महत्व इतना अधिक है कि जहां एक तरफ़ इन्सान के इस्लाम का मांपदंड उसके पैग़म्बर पर ईमान कलमा पढ़ने और माता पिता का सम्मान नमाज़ आदि को बताया गया है वहीं एक तरफ़ एक हदीस इस्लाम का एक और मापदंड दे रही है और बता रही है कि ऊपर बताई गई सारी चीज़ें एक मुसलमान के लिए अति आवश्यक है लेकिन सच्चा मुसलमान वह है जिसकी बुराई लोगों तक न पहुंचे वह दूसरे मुसलमानों को परेशान न करें उसका व्यवहार लोगों के साथ अच्छा हो जैसा कि हदीस में है

पैग़म्बरे इस्लाम (स) ने फ़रमाया

المسلم من سلم المسلمون من لسانه و یده

अलमुस्लेमो मन सलेमल मुस्लेमूना मिनलेसानिही यदेही  (2)

मुसलमान वह है जिसकी ज़बान और हाथ से दूसरे मुसलमान सुरक्षित रहें।

यहां एक तरफ़ इस्लाम में अच्छे व्यवहार और नेक अख़लाक़ की ताक़ीद की गई है वहीं दूसरी तरफ़ इन्सान को बुरे व्यवहार से दूर रहने की भी ताक़ीद की गई है और उसकी बुराई के बारे में बताया गया है जैसा कि मजालिसे शेख़ सदूक़ में पैग़म्बरे इस्लाम (स) से रिवायत है कि आपने फ़रमायाः जिब्रईल ख़ुदा की तरफ़ से मेरे पास आए और फ़रमायाः

या मोहम्मद (स) अलैका बेहुस्निल ख़ुल्क़

हे मोहम्मद (स) आप अच्छे अख़लाक़ से पेश आएँ क्योंकि बुरे अख़लाक़ से दुनिया और आख़ेरत की नेकी समाप्त हो जाती है।

फिर पैग़म्बरे इस्लाम ने फ़रमायाः तुम में से मुझसे सबसे अधिक क़रीब वह व्यक्ति है जो व्यवहार में सबसे अच्छा हो। (3)

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1. معاشر الشیعه كونوا لنا زینا و لا تكونوا علینا شینا इमाम सादिक़ (अ)

2. नहजुल फ़साहा
3. अलमुस्दतरक, जिल्द 4, पेज 395

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