गुजरात में किताब में छेड़छाड़ कर अहम खोजों का सेहरा ब्राह्मणों के सिर बाँधा गया

वडोदरा राज्य की एम एस यूनिवर्सिटी ने एक किताब पेश की हैं जिसके अंतर्गत इतिहास की महत्वपूर्ण खोजों और आविष्कारों का श्रेय हिन्दू धर्म से जोड़कर ब्राह्मणों के नाम करने की कोशिश की गई हैं। इसको लेकर बड़े पैमाने पर विरोध शुरू हो गया हैं।

वडोदरा राज्य की एम एस यूनिवर्सिटी ने एक किताब पेश की हैं जिसके अंतर्गत इतिहास की महत्वपूर्ण खोजों और आविष्कारों का श्रेय हिन्दू धर्म से जोड़कर ब्राह्मणों के नाम करने की कोशिश की गई हैं। इसको लेकर बड़े पैमाने पर विरोध शुरू हो गया हैं।

किताब में भारतीय वैज्ञानिक सुष्त्र को कॉस्मेटिक सर्जरी का जनक बताया गया तो वहीँ न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी के अविष्कार का श्रेय आचार्य कन्नड को दिया गया। इतना ही नहीं कपिल मुनि को ब्रह्माण्ड विज्ञान और महार्षि भारद्वाज को रॉकेट और एरोप्लेन बनाने वाला बताया गया हैं। इसके अलावा चरक ऋषि को दवाईयों और गर्गा मुनी को सितारों का अविष्कारक करार दे दिया गया।

इस विवाद को लेकर यूनिवर्सिटी के सीनियर सिंडिकेट मेंबर जिगेश सोनी का कहना है कि किताब में जो लिखा गया है उसके लिए लेखक-कार्यकर्ता दीनानाथ बत्रा की किताबों का संदर्भ लिया गया था, जोकि बिलकुल सही है। इसके साथ ही उन्होंने हो रहे विरोध पर कहा कि अगर ये सब खोजें हमारे लोगों ने की हैं तो इसमें उनका नाम आने में क्या दिक्कत है?

दूसरी तरफ विरोध करने वालों का कहना हैं कि इससे स्टूडेंट्स के दिमाग़ में कन्फ्यूज़न आ जाएगा। उन लोगों की तरफ से कहा गया है कि अपने कल्चर और रिसर्च को ही बेस्ट बताना गलत है।

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