सऊदी अरब के ख़ौफनाक सचः गार्डियन

इग्लिश समाचार पत्र गार्डियन ने सऊदी अरब और ब्रिटेन के आपसी संबंधों और बढ़ते सहयोग के ख़तरों के बारे में लिखा है।

इग्लिश समाचार पत्र गार्डियन ने सऊदी अरब और ब्रिटेन के आपसी संबंधों और बढ़ते सहयोग के ख़तरों के बारे में लिखा है।

गार्डियन ने गुरुवार के दिन जारी अपनी रिपोर्ट में “यह बेहतरीन समय है कि सऊदी अरब को चौकाने वाले तथ्यों से आगाह किया जाए” के शीर्षक से लिखाः क्या इस रहस्य से पर्दा उठने के बाद कि सऊदी अरब ने ब्रिटेन से ख़रीदे गए कलस्टर बमों का यमन के युद्ध में प्रयोग किया है, लंदन को रियाज़ के साथ जारी संबंधों पर फायदा होने वाला है?

लेखक ने लंदन और रियाज़ के बीच सैन्य सहयोग के संबंधों की तरफ़ इशारा करते हुए इस बात को उठाने की कोशिश की है कि इन संबंधों ने आतंकवाद के विरुद्ध सूचनात्मक सहयोग की ब्रिटिश पालीसे के लिए कितनी फ़ायदे वाली रही है।

गार्डियन ने लिखा आतकंवाद के विरुद्ध खुफिया सूचनात्कम सहयोग बहुत ही चुनौतीपूर्ण समस्या है क्योंकि सऊदी अरब का वहाबी विचारधारा और कट्टरपंथी सलफ़ी विचारधारा के साथ संबंध पूरी दुनिया पर स्पष्ट है, वह विचारधारा जिसने आतकंवाद को बढ़ावा दिया है।

समाचार पत्र के अनुसार सऊदी अरब की सोंच और आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में इस देश की उम्मीदों के बीच स्वीकार न किया जा सकने वाला विरोधाभास पाया जाता है, एक तरफ़ तो वह अपनी विचारधारा से आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है दूसरी तरफ़ आतकंवाद के विरुद्ध लड़ाई का ढिंडोरा पीट रहा है।

 

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