सुन्नी आमिल ने दाइश के विरुद्ध दिया जिहाद का फ़तवा

सुन्नी धर्मगुरु अहमद अलकबीसी

इराक़ के सुन्नी धर्मगुरु अहमद अलकबीसी ने दाइश के विरुद्ध जिहाद को हर मुसलमान पर वाजिब बताया है और कहा है कि जो भी इस जंग में मारा जाए वह शहीद है।

टीवी शिया अहमद अलकबीसी ने कहा कि दाइश नेतनयाहू के हाथों की कठपुतली है जो उसके इशारों पर नाच रही है, दाइश का न ख़ुदा से कोई वास्ता है और न ही इस्लाम से और आज सभी हो इस हक़ीक़त को जान चुके हैं।

अलकबीसी ने सूमरिया न्यूज़ से बातचीत करते हुए कहाः आश्चर्य की बात है कि दूसरे विश्व युद्ध में शामिल होने वाले बड़े बड़े देश और उनकी सेनाएं अब तक किसी एक भी दाइशी को गिरफ़्तार करने और उसका लाइव इन्टरव्यू करने में कामयाब न हो सके हैं जबकि उसको गुर्गे पूरी दुनिया में सक्रिय है, आज टीवी पर कुछ मनगढ़ंत और बेकार की कहानियों को दिखाया जा रहा है।

उन्होंने कहाः दाइश के विरुद्ध जिहाद पर मुसलमान पर वाजिब है और जो भी इस जंग में मारा जाए वह शहीद है।

उन्होंने कहाः कुछ (सुन्नी) विद्वान दाइश के सदस्यों को मुजाहिद समझते हैं जब मैं ने उनसे कहा दाइश केवल एक कंपनी है तो उन्होंने मुझे विधर्मी कहा और कहा कि मैं कैसे मुजाहिदों के बारे में इस प्रकार की बातें कर सकता हूँ, लेकिन वास्तविकता सामने आने के बाद इन्हीं विद्वानों ने मुझ से माफ़ी मांगी।

स्पष्ट रहे कि शिया विद्वान और महान धर्मगुरु आयतुल्लाह सीस्तानी ने दो साल पहले दाइश के विरुद्ध जिहाद का फ़तवा देते हुए इस लड़ाई को वाजिबे किफ़ाई बताया था जिसके बाद इराक़ के हज़ारों लोग दाइश के विरुद्ध जंग में कूद पड़े और हश्द अलशाबी नामक स्वंयसेवी बलों का गठन किया।

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