दुआए "या अलीयो या अज़ीम" हिन्दी अनुवाद के साथ

दुआए "या अलीयो या अज़ीम" हिन्दी अनुवाद के साथ

ताजदार हुसैन ज़ैदी

इस दुआ को रमज़ान के महीने में पर वाजिब नमाज़ के बाद पढ़ना चाहिये

بسم الله الرحمن الرحيم


یا عَلِیُّ یا عَظیمُ یا غَفُورُ یا رَحیمُ اَنْتَ الرَّبُّ الْعَظیمُ الَّذی لَیْسَ کَمِثْلِهِ شَیءٌ

हे महान, हे श्रेष्ठ, हे क्षमा करने वाले, हे दयालु तू महान परवरदिगार है जिसके जैसी कोई चीज़ नहीं

وَ هُوَ السَّمیعُ الْبَصیرُ وَ هذا شَهْرٌ عَظَّمْتَهُ وَ کَرَّمْتَهُ وَ شَرَّفْتَهُ وَ فَضَّلْتَهُ عَلَی الشُّهُورِ

और वह सुनने वाला और देखने वाला है, और यह वह महीना है कि जिसको तू ने दूसरे महीनों से महान जाना, सम्मान दिया, इज्ज़त दी श्रेष्ठ बनाया है

وَ هُوَ الشَّهْرُ الَّذی فَرَضْتَ صِیامَهُ عَلَیَّ وَ هُوَ شَهْرُ رَمَضانَ الَّذی اَنْزَلْتَ فیهِ الْقُرْآنَ هُدیً لِلنّاسِ وَ بَیِّناتٍ مِنَ الْهُدی وَالْفُرْقانِ

और यह वह महीना है कि जिसमें मुझ पर तूने रोज़े वाजिब किए और रमज़ान का महीना है, वही महीना कि जिसमें तूने क़ुरआन उतारा वह क़ुरआन जिसमें लोगों का मार्गदर्शक और हिदायत की रौशन निशानियां और बुराई से जुदाई की रौशन निशानियां हैं

وَ جَعَلْتَ فیهِ لَیْلَةَ الْقَدْرِ وَ جَعَلْتَها خَیْراً مِنْ اَلْفِ شَهْرٍ

और तूने इस महीने में क़रार दिया शबे क़द्र को और उसको हज़ार महीनों से बेहतर बनाया

فَیا ذَالْمَنِّ وَ لا یُمَنُّ عَلَیْکَ مُنَّ عَلَیَّ بِفَکاکِ رَقَبَتی مِنَ النّارِ فیمَنْ تَمُنُّ عَلَیْهِ وَ اَدْخِلْنِی الْجَنَّةَ بِرَحْمَتِکَ یا اَرْحَمَ الرّاحِمینَ

तो हे वह तो दूसरो पर उपकार करता है और कोई तुझ पर उपकार नहीं करता, मुझ पर उपकार कर मुझे नर्क की आग से आज़ाद करके उन लोगों के बीच कि जिन पर तूने उपकार किया और मुझे स्वर्ग में दाख़िल कर तुझे वास्ता है तेरी रहमत का हे रहम करने वालों से अधिक रहम करने वाले।

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