पाकिस्तान में टारगेट किलिंग के विरोध में शिया उलमा की 25 दिन से जारी है भूख हड़ताल, हुकूमत के कानों पर जूँ न रेंगी


पाकिस्तान में कुछ शिया उलमा और जनता को भूख हड़ताल शिविर में बैठे हुए 25 दिन बीत चुके हैं लेकिन अभी तक पाकिस्तान सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी जबकि प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार मजलिसे वहदते मुसलेमीन पाकिस्तान के नेता हज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन अल्लामा नासिर अब्बास जाफ़री की तबीयत भी बिगड़ गई है।

शिया उलमा का इतने दिनों से भूख हड़ताल पर बैठने का उद्देश्य एक ही है वह यह है कि पाकिस्तान में मुस्लिम नरसंहार ख़ास कर शिया नरसंहार का सिलसिला बंद किया जाए। अनशन का यह सिलसिला पाकिस्तान के शहर लाहौर से शुरू हुआ धीरे-धीरे पाकिस्तान के अन्य शहरों कराची, पाराचेनार और मुल्तान तक पहुँच गया कि जहां लोग चालीस डिग्री से ज़्यादा तापमान में अपने अपने शहरों में भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं ।

शिया नरसंहार के खिलाफ भूख हड़ताल का यह सिलसिला न केवल पाकिस्तान के शहरों में सीमित रहा बल्कि लंदन और न्यूयॉर्क तक भी पहुंच गया लेकिन अब भी पाकिस्तान के मज़लूम शियों को अंतर-राष्ट्रीय पैमाने पर समर्थन की जरूरत है ताकि वह अपनी आवाज़ को दुनिया के कोने कोने तक पहुंचा सकें कि शिया मज़लूम व पीड़ित हैं और वह हर दौर से ज़्यादा आज के दौर में आतंकवाद का शिकार हो रहे हैं जबकि कोई भी उनका कोई हाल चाल पूछने वाला नहीं है। वह हथियारों के बल पर नहीं बंदूक और बम द्वारा नहीं बल्कि शांतिपूर्ण ढंग से तपती हुई धूप में सड़कों पर भूख की हालत में बैठ कर अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं और शिया क़ौम की रक्षा की मांग कर रहे हैं।

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