तुर्की की प्रसिद्ध मस्जिद में क़ुरआन की तिलावत पर यूनान की भौहें तनी


यूनान ने तुर्की में स्थित प्रसिद्ध अयासूफ़िया मस्जिद में रमज़ान के अवसर पर क़ुरआन की तिलावत के प्रोग्राम पर तुर्की सरकार की निंदा की है।

टीवी शिया यूनान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करके कहाः रमज़ान के अवसर पर अयासूफिया मस्जिद में क़ुरआन की तिलावत के प्रोग्राम पर हम तुर्की सरकार की निंदा करते हैं

उन्होंने इस निंदा का कारण बताते हुए कहाः इस प्रकार के प्रोग्राम का आयोजन वह भी ऐसे स्थान पर जो कि विश्व की सांस्कृतिक विरासत है वह डेमोक्रेसी के विरुद्ध है और तुर्की सरकार का यह फ़ैसला धार्मिक कट्टरता है।

अयासूफ़िया मस्जिद को छठी सदी में बाइजेंटाइन साम्राज्य द्वारा बनाया गया था और 1453 तक यह ईसाईयों के चर्च के तौर पर इस्तेमाल किया जाता ता लेकिन इस्तांबूल पर उस्मानी साम्राज्य की अधिकार के बाद सुल्तान मोहम्मद दिर्तीय को दौर में इसको मस्जिद में बदल दिया गया।

तुर्की में मुस्तफ़ा कमाल अतातुर्क द्वारा लाइक (धर्मनिरपेक्ष) प्रणाली के आने के बाद इस मस्जिद को 1931 में बंद कर दिया गया और चार साल तक यह मस्जिद इसी प्रकार बंद रही, उसके बाद 1935 में तुर्की के अधिकारियों ने इस मस्जिद को म्यूज़ियम में बदल दिया।
अप्रैल 2015 में पैग़म्बर से इश्क़ नामक पेंटिंग प्रदर्शनी का इसी मस्जिद में आयोजन किया गया का और इसी प्रदर्शनी में 85 साल के बाद वह पहला मौक़ा था कि जब आंकारा की अहमद महदी मस्जिद के इमाम जमाअत अली तल ने इस मस्जिद में क़ुरआन की कुछ आयतों की तिलावत की थी।

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