यमन के दक्षिणी तट पर अमरीका का क़ब्ज़ा, अंसारुल्लाह ने दी देख लेने की धमकी

अमरीकी सेना ने यमन के हज़रामौत प्रांत की राजधानी एवं बंदरगाही शहर अल-मुकल्ला में 200 से अधिक अमरीकी मरीन को तैनात कर दिया है।

यमन की अल-मसीरा न्यूज़ वेबसाइट के अनुसार, इन सैनिकों को शनिवार को महत्वपूर्ण बंदरगाह और तेल टर्मिनल में तैनात किया गया है।  

इसके अलावा युद्धक जहाज़ यूएसएस बॉक्सर को अदन खाड़ी में तैनात किया गया है। यूएसएस बॉक्सर पर 1200 नाविक एवं मरीन मौजूद हैं।

यमन का दक्षिणी तटीय इलाक़ा अब अमरीका के क़ब्ज़े में है। अल-क़ायदा के ख़िलाफ़ लड़ाई के बहाने अमरीका ने इस इलाक़े पर क़ब्ज़ा कर रखा है।

शुक्रवार को लहिज प्रांत में स्थित अल-अनद सैन्य अड्डे पर अमरीका के एक अपाचे हेलिकॉप्टर और छह ब्लैक हॉक हेलिकॉप्टरों ने भी लैंडिंग की थी।

यमन के जन आंदोलन अंसारुल्लाह ने देश में अमरीकी सैनिकों की उपस्थिति की कड़ी निंदा की है।

अंसारुल्लाह की राजनीतिक परिषद के प्रमुक सालेह समाद ने अदन खाड़ी में अमरीकी युद्धपोत और मरीन के प्रवेश पर प्रतिक्रिया स्वरूप कहा कि यमन में अतिक्रमणकारी अमरीकियों से मुक़ाबला करना ज़रूरी है।

समाद ने यमन की संप्रभुता का उल्लंघन करने के प्रति चेतावनी देते हुए कहा, यमनी अपने देश की रक्षा करने में सक्षम हैं और वे अमरीका को देश के किसी भाग पर क़ब्ज़ा करने की अनुमति नहीं देंगे।

अंसारुल्लाह के प्रवक्ता मोहम्मद अब्दुल सलाम ने भी एक बयान में कहा है कि दुश्मन, अल-क़ायदा से मुक़ाबले के बहाने दक्षिणी यमन पर क़ब्ज़ा कर रहा है।

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