जाने रूस की सेना के सीरिया से हटने के पीछे राज़

अरब के प्रसिद्ध लेखक ने सीरिया से रूसी सेना के हटने को चौंका देने वाला और संदेहास्पद क़दम बताया है।

टीवी शिया अब्दुल बारी अतवान ने ने राय अलयौम समाचार पत्र में लिखा सीरिया से रूस की अधिकतर सेना के बाहर निकालने का पुतिन का फैसला चौंका देना वाला और जल्दी में लिया गया लगता है, ऐसा लगता है कि इस फ़ैसले का कारण किसी विषय पर रूस की सीरिया से नाराज़गी है।

वह लिखते हैं कि रूस और सीरिया के संबंधों से संकट की बू आ रही है, यह फैसला अटल है या केवल सीरिया सरकार पर दबाव डालने के लिये और जनेवा की मीटिंग टलने से रोकने के लिये किया गया है?

उन्होंने इस फैसले पर सीरिया और रूस के सहमति वाले बयान पर प्रश्न लगाया कि आख़िर क्यों यह फ़ैसला जनेवा बैठक से पहले लिया गया है?

अतवान कहते हैं कि इसका एक कारण तो यह हो सकता है कि सीरिया में रूस की सेना की अभियान समाप्त हो गया हो और दूसरा कारण सीरिया के विदेश मंत्री वलीद मोअल्लिम के बयान पर रूस की नाराज़गी हो सकता है जिसमें वलीद ने कहा था कि बश्शार असद रेड लाइन हैं और सीरिया में पार्लिमेंट और प्रधानमंत्री के चुनाव बिना सीरियाई सरकार के देखरेख के नहीं कराया जाएगा। इससे पहले बश्शार जाफ़री ने भी अपने एक बयान में कहा था कि सीरिया में सरकार के हस्तांतरण नाम की कोई चीज़ नहीं होगी।

वह लिखते हैं कि जानकारी के आभाव में हम दूसरे कारण को प्राथमिकता देंगे, बहुत संभव है कि सीरियाई सरकार के इस प्रकार के बयान पर अमरीका की तरफ़ से रूस पर दबाव डाला गया है क्योंकि विरोधियों और अमरीका का मानना है कि इस प्रकार के बयान समझौते के विरुद्ध है।

वह लिखते हैं कि रूस का यह फैसला चौंका देने वाला था और इसके गंभीर परिणाम निकलेंगे, वह लिखते हैं कि सीरिया के सेना में जो लड़ाकू विमान हैं वह बहुत पुराने हो चुके हैं और रूस की सेना के सीरिया से हटने के बाद एक बहुत बड़ा गैप पैदा हो जाएगा।

वह लिखते हैं कि मुझे लगता है कि रूस और सीरिया के संबंधों में दरार आ गई है।

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