यहूदी शक्तियों के इशारों पर काम कर रहे हैं वहाबी संगठन: कल्बे जव्वाद

मजलिसे उलमाये हिन्द के महासचिव इमामे जुमा मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद नकवी ने अपने बयान में आईएस और अन्य आतंकवादी संगठनों की असलियत को उजागर करते हुए कहा,कि क्या कभी किसी ने सोचा है कि वह क्या कारण है जिसको सुन  कर पढ़े लिखे युवा आईएस में शामिल हो रहे हैं और मुसलमानों का नरसंहार कर रहे हैं, इन युवाओं का ब्रेन वॉश कैसे किया जाता है?। सीएनएन पर आईएस के एक मौलवी ने मुसलमानों के नरसंहार पर कुरआन से दलील दी जिसके आधार पर शिया और सुन्नी दोनों का नरसंहार किया जा रहा,सूरह तौबा की आयत 123 में कहा गया हे ऐ इमान वालों उन काफिरों से लड़ो जो तुम्हारे पास है। जब इस तकफीरी समूह से कहा जाता है कि आप उनके खिलाफ क्यों नहीं लड़ते हो जो इस्लाम के खिलाफ खड़े हैं, वे शक्तियां जो इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ षडयंत्र कर रही हैं वे कहते हैं कि हम कुरआन के आदेश पर अमल कर रहे हैं कि पहले उन्से लड़ो जो काफिर तुम्हारे पास हैं। इसलिए पहले हम शियों को मारेंगे उन सुन्नियों को मारेंगे जो हमारे पंथ और अकीदे के खिलाफ हैं।

 मौलाना ने कहा कि उन्के इस बयान पर गैर मुस्लिम भी खुद को सुरक्षित महसूस न करें, मुसलमानों के बाद वे हिन्दुओं, सिखों और अन्य धर्मों के लोगों का नरसंहार करेंगे। जब उनसे कहा जाता है कि शिया व सुन्नी तो कलमा पढते हैं, अल्लाह और रसूल को मानते हैं यह कैसे काफिर हो सकते हैं? तो वह तकफीरी वहाबी जवाब देते हैं कि यह मुसलमान नुमा है जिनहें शब्दावली में मुनाफिक कहा जाता है इसलिये शिया और सुन्नी मुनाफिक है। इसलिए पहले इन्का नरसंहार होना चाहिए जो हमारे पास हैं उसके बाद दूर काफिरों की हत्या कि जाईगी यही कारण है कि ये लोग शियों और सुन्नियों के इमाम बाड़ों और मस्जिदों और दरगाहों को निशाना बनाते हैं।

मौलना ने कहा कि पूरे कुरआन में कहीं मुनाफिक से जगं का आदेश नहीं है। अगर यह कुराअन का आदेश है तो पेगंम्बर साहब ने किसी मुनाफिक से युद्ध क्यों नहीं किया? जबकि उन्के पास बूहुत से मुनाफिक मौजूद थे और रसूले खुदा स0अ0 उनका ज्ञान भी रखते थे। हद यह है किजिन्होंने रसूल स0अ0 की हत्या की साजिश रची थी उन्हें भी कत्ल नहीं किया ताकि दुनिया यह न कहे कि रसूले खुदा ने अपने साथियों की हत्या की है।

मौलाना ने कहा के हम पर वाजिब है कि कुरआन और इस्लाम की सही व्याख्या दुनिया और खासकर युवाओं तक पहुंचायें ताकि दुनिया समझ सके कि आईएस और तालिबान जैसी दूसरे आतंकवादी संगठन कुरआन की आयतों का दुरुपयोग करके जवानों को गुमराह कर रहे हैं और मुसलमानों का नरसंहार किया जा रहा।ये लौग कभी मुसलमान नही हो सकते।

मौलाना ने शेख बाकिर उल निम्र की शहादत पर शोक व्यकत करते हुए कहा कि किस सिस्टम और कानून में यह है कि सरकार के खिलाफ एक प्रदर्शन करने पर विद्रोही कहकर सिर कलम कर दिया जाये ।शेख बाकिर उल निम्र पर यही आरोप लगाया गया उन्होंने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। प्रत्येक देश में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन होते रहते हैं।हिन्दोस्तान में हर धर्म के लोग अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन करते रहते हैं। प्रत्येक देश में सरकार की गलत नीति के खिलाफ लोग प्रदर्शन करते हैं मगर उस अपराध में उनका सिर कलम नहीं कर दिया जाता। यही कारण है कि जितने अन्यायपूर्ण हैं और जिन देशों में अल्पसंख्यकों पर जुल्म हो रहा और जनता के अधिकारों का हनन किया जा रहा है वह सब सऊदी अरब का समर्थन कर रहे हैं। इस चरमपंथी और तकफीरी गुट ने केवल शियों को ही नहीं बल्कि सुन्नियों को भी मारा है  उनकी साजिश यही है कि मुसलमान एक दुसरे का सिर काटते रहे ,यह लोग यहूदी और साम्राज्यवादी शक्तियों के इशारे ये काम कर रहे हैं।

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