अवैध ज़ायोनी बस्तियां फ़िलिस्तीन में हिंसा का कारण

अमरीका के विदेश मंत्री जान कैरी ने कहा है कि वह मध्यपूर्व की यात्रा करने वाले हैं जिसके दौरान वह ज़ायोनी शासन और फ़िलिस्तीनियों के बीच बढ़ते तनाव को कम करने का प्रयास करेंगे।

कैरी ने मंगलवार को मोसाचूसेट में हार्वर्ड केनेडी स्कूल में कहा कि मैं बहुत जल्द वहां जाउंगा वर्तमान स्थिति से बाहर निकलने के मार्गों की समीक्षा करूंगा।

कैरी का कहना था कि हालिया वर्षों में फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों में इस्राईल द्वरा बनाई जा रही बस्तियों में बड़ा विस्तार हुआ है और उसके नतीजे में आज हिंसा सामने आई है क्योंकि लोगों में हताशा बढ़ रही है।

बैतुल म़ुक़द्दस और पश्चिमी तट के क्षेत्रों पर वर्ष 1967 में होने वाले इस्राईली क़ब्ज़े के बाद से 120 से अधिक ज़ायोनी बस्तियों में पांच लाख से अधिक यहूदियों को लाकर बसाया गया है।

संयुक्त राष्ट्र संघ और विश्व के बहुत से देश इन बस्तियों को ग़ैर क़ानूनी मानते हैं क्योंकि जिन क्षेत्रों पर इनका निर्माण किया गया है उन पर इस्राईल ने वर्ष 1967 में क़ब्ज़ा किया था और जेनेवा कन्वेन्शन के अनुसार क़ब्ज़ा किए गए क्षेत्रों पर निर्माण  ग़ैर क़ानूनी है।

अमरीकी विदेश मंत्री ने कहा कि यदि झड़पें नियंत्रण से बाहर निकल गईं तो दो राष्ट्रों वाले समाधान की संभावना समाप्त हो जाएगी।

ज़ायोनी शासन ने अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों में फ़िलिस्तीनियों की आवाजाही पर बड़े पैमाने पर रोकटोक शुरू कर दी और मस्जिदुल अक़सा का अनादर किया जिसके बाद से हिंसा फूट पड़ी है।

पहली से 13 अकतूबर के बीच ज़ायोनियों के हाथों कम से कम 30 फ़िलिस्तीनी शहीद किए गए जिनमें 9 बच्चे शामिल हैं और 400 फ़िलिस्तीनी घायल हुए हैं।

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