सऊदी अरब द्वारा यमन के विरुद्ध साज़िश का पर्दाफाश

यमन के मामलों में संयुक्त राष्ट्र संघ के पूर्व विशेष प्रतिनिधि ने कहा है कि सऊदी अरब ने यमन पर उस समय आक्रमण किया कि जब यमन संकट से संबन्धित पक्ष, दो महीने की वार्ता के बाद एक समझौता करने के लिए सहमत हो गए थे।

रोएटर्ज़ के अनुसार जमाल बिन उमर ने कहा कि यमन संकट से संबन्धित पक्षों ने दो महीने तक वार्ताएं कीं और वे एक समझौता करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि जिस रात दोनों पक्षों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर होने वाले थे उसी रात सऊदी अरब ने यमन पर निर्णायक हमला नामक कार्यवाही आरंभ कर दी और इस हमले ने वार्ता प्रक्रिया के जारी रहने को असंभव बना दिया है। यमन के मामलों में संयुक्त राष्ट्रसंघ के विशेष प्रतिनिधि बिन उमर ने स्पष्ट किया कि पिछले महीने हम यमन में सत्ता के बंटवारे के मूल विषय को लेकर सहमति हो चुकी थी किंतु उसी समय सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन ने यमन पर हमला कर दिया।

उन्होंने कहा कि यमन के राजनैतिक गुटों के बीच मतभेद का मुख्य विषय, इस देश के राष्ट्रपति के पद को लेकर था। जमाल बिन उमर ने बल देकर कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद को सूचित कर दिया है कि यमन में सत्ता के हस्तांतरण की प्रक्रिया की विफलता का ज़िम्मेदार कोई एक पक्ष नहीं है बल्कि इसके लिए सारे पक्ष ज़िम्मेदार हैं। बिन उमर ने चेतावनी दी है कि हौसियों के विरुद्ध शस्त्र प्रतिबंधों से मानवता प्रेमी सहायता पहुंचाने में बाधा आएगी। ऐसी सहायता जिसकी यमन वासियों को बहुत अधिक आवश्कयता है।

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