बहरैन में अज़ादारी के प्रोग्रामों पर पुलिस हमले पर संयुक्त राष्ट्र ने दिखाई प्रतिक्रिया


मध्य पूर्म में संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार राजदूत ने बहरैन में मोहर्रम के महीने में अज़ादारों पर पुलिस के अत्याचारों की खुली निंदा की है।

टीवी शिया अलआलम से प्राप्त समाचार के अनुसार हैसम अबू सईद ने कहाः इस संगठन के सक्रिय सदस्यों से हमें बहरैन से जो रिपोर्ट मिली है उसके अनुसार बहरैन की पुलिस ने इन लोगों पर केवल इस लिये हमला किया है कि यह लोग मोहर्रम के अवसर पर आपने धार्मिक कार्यों को अंजाम दे रहे थे और मजलिस कर रहे थे।

अबू सईद ने कहाः बहरैनी अधिकारियों के मानवाधिकार उल्लंघन की लंबी लिस्ट में उनका यह कार्य भी जुड़ गया है, जिसको वह रोज़ ही अंजाम दिया करते हैं।

उन्होंने कहाः देश में एक विशेष सम्प्रदाय के लोगों का दमन करना ख़तरना सोंच को दर्शाता है, और अब जब कि बहरैन के अधिकारियों ने ख़तीबों और मजलिस पढ़ने वालों को हाज़िर किया है तो इसमें इस बात का संशय पाया जाता है कि इस प्रकार बहरैन सरकार इन लोगों को डरा धमका कर कुछ ऐसे बयान जारी करवा दे जो लोगों से बर्दाश्त न हो सकें

इसके बाद इस राजदूत ने संयुक्त राष्ट्र संघ से मांग की है कि बहरैन की पीड़ित जनता को अत्याचारी आले ख़लीफ़ा साशन से बचने के लिये इस सरकार के विरुद्ध ठोस क़दम उठाए जाएं ताकि इस प्रकार इस देख में न्याय हो सके और लोगों को उनका अधिकार मिल सके।

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