तबाह ग़ज़्ज़ा को दोबारा बसाने में गलेगा 20 साल का समय!!

ग़ज्ज़ा पर इस्राईल के हालिया व्यापक बर्बर हमलों से हुई तबाही का आंकलन करने के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं।

इस व्यापक तबाही का आंकलन करने में व्यस्त एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी का कहना है कि ज़ायोनी शासन की बमबारी से होने वाली तबाही के बाद, ग़ज्ज़ा के पुनर्निमाण में 20 वर्षों का समय लगेगा।

राष्ट्र संघ से संबंधित कंपनी शैल्टर कलस्टर ने कहा है कि इस्राईली बमबारी से 17 हज़ार घर ध्वस्त और 5 हज़ार घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं जिनके पुनर्निमाण की ज़रूरत है।

इस कंपनी का यह भी कहना है कि पुनर्निमाण का जो यह आंकलन पेश किया गया है वह अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन से सीमेंट आदि से लदे 100 ट्रकों के प्रतिदिन ग़ज्ज़ा पहुंचने के आधार पर है। इसके अलावा, राष्ट्र संघ ने घोषणा की है कि ग़ज्ज़ा में वर्तमान समय में 75 हज़ार घरों की ज़रूरत है।

आठ जुलाई को ग़ज़्ज़ा पर शुरू हुए इस्राईल के 50 दिवसीय युद्ध में लगभग 2150 फ़िलिस्तीनी शहीद हो गए और 11 हज़ार से अधिक घायल हो गए। ज़ायोनी सेना ने अपने हमलों में धार्मिक एवं शैक्षिण स्थलों को भी ख़ास तौर से निशाना बनाया। इस दौरान 80 मस्जिदें, 140 से अधिक स्कूल और 350 कारख़ाने ध्वस्त कर दिए गए।

अब युद्ध की समाप्ति पर धीरे धीरे हमलों की धूल बैठ रही है और युद्ध के भयानक परिणाम नज़रों के सामने आ रहे हैं। लेकिन वातावरण साफ़ होने के साथ साथ एक बात और साफ़ हो रही है और वह है इस्राईल की पराजय।

इस्राईल ने फ़िलिस्तनी प्रतिरोध को समाप्त करने के उद्देश्य से ग़ज्ज़ा के ख़िलाफ़ यह तीसरी लड़ाई छेड़ी थी लेकिन वह प्रतिरोध को तो समाप्त नहीं कर पाया बल्कि इसके विपरीत प्रतिरोध और अधिक शक्तिशाली होकर उभरा और उसने इस्राईल से अपनी शर्तों पर युद्ध विराम का समझौता किया।

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