खजूर का पेड़

खजूर का पेड़

एक दिन की बात है एक व्यक्ति रोते बिलखते पैगम्बरे इस्लाम की सेवा में पहुंचा और कहने लगाः हाय हाय मैं अपने पड़ोसी का क्या करूं।

पैगम्बरे इस्लाम ने उस व्यक्ति से शांति रहने को कहा और फिर पूरी बात बताने का आदेश दिया। वह व्यक्ति मस्जिद में भूमि पर बैठ गया। उसके हाथ पैर कांप रहे थे। इसी दशा में उसने बोलना आरंभ कियाः मेरे कई बच्चे हैं, मेरा घर बहुत छोटा है किंतु मेरे पड़ोसी के पास खजूर का बड़ा सा बाग है। खजूर के एक पेड़ की डाल हमारे आंगन में लटकी है और मेरा पड़ोसी जब भी खजूर तोड़ने के लिए पेड़ पर चढ़ता है तो कुछ खजूर मेरे आंगन में भी गिर जाते हैं और यदि मेरे बच्चे वह खजूर उठा लेते हैं तो मेरा पड़ोसी पेड़ से नीचे उतर पर खजूर उन से छीन लेता है चाहे मेरे बच्चे खजूर मुंह में ही क्यों न रख चुके हों।

पैगम्बरे इस्लाम थोडी देर तक मौन रहे और फिर कहा इंशाल्लाह ईश्वर तुम्हारी सहायता करेगा, धैर्य रखो।

पैगम्बरे इस्लाम ने उस व्यक्ति के पड़ोसी  का पता पूछा और उसी दिन बाग के मालिक से मिलने चले गये। उसने पैगम्बरे इस्लाम को देख कर आश्चर्य किया तो पैगम्बरे इस्लाम ने उस धनी व्यक्ति से कहा क्या तुम अपन बाग का वह पेड़ मुझे दे सकते हो जिसकी डाल तुम्हारे पड़ोसी के घर में गयी है? उसके बदले में ईश्वर तुम्हें स्वर्ग में एक खजूर का पेड़ देगा।

बाग का स्वामी जिसे ईश्वर और पैगम्बरे इस्लाम में आस्था नहीं थी, व्यंग्यात्मक मुस्कान के साथ कहने लगाः उस पेड़ में सब से अधिक खजूर होते हैं, नहीं मैं वह खजूर का पेड़ आप को नहीं दे सकता। यह कह कर वह पैगम्बरे इस्लाम के सामने से हट गया।

इसी मध्य एक अन्य व्यक्ति, जो पैगम्बरे इस्लाम और बाग के मालिक की बात सुन रहा था आगे बढ़ा और उसने कहा हे पैगम्बरे इस्लाम! यदि आप की अनुमति हो तो मैं उस पेड़ को बाग के मालिक से खरीद लूं।

पैगम्बरे इस्लाम ने मुस्करा कर कहा, हां अच्छी बात है।

वह व्यक्ति बाग के मालिक के पास गया और खजूर का पेड़ खरीदने के बारे में बात आरंभ की। बाग के मालिक ने कहाः क्या तुम्हें पता है कि मोहम्मद उस खजूर के पेड़ के बदले स्वर्ग में मुझे एक खजूर का पेड़ देने पर तैयार थे किंतु मैं ने कहा कि मुझे अपने इस पेड़ के खजूर बहुत पसन्द हैं।

उस व्यक्ति ने कहाः तुम्हें वह पेड़ बेचना है या नहीं ?

बाग के मालिक ने कहाः नहीं, हां अगर अच्छा मूल्य मिले तो बेच भी सकता हूं।

खरीदने वाले व्यक्ति ने कहाः उसका क्या मूल्य है?

बाग के मालिक ने कहाः उस पेड़ के बदले चालीस खजूर के पेड़ मुझे चाहिए।

खरीदने में रूचि रखने वाले व्यक्ति ने ठंडी सांस भरी और पीछे हट गया। यह उसकी कुल संपत्ति का आधा भाग था इस लिए उसने कहा, यह तो बहुत ज़्यादा है, एक पेड़ के बदले चालीस पेड़! यह कहां का न्याय है?

बाग का मालिक कंधे उचका कर आगे बढ़ गया। उस व्यक्ति का ध्यान पैगम्बरे इस्लाम में ही लगा था इस लिए उसने आगे बढ़ कर बाग के मालिक को रोका और कहा ठीक है मैं तुम्हें उस पेड़ के बदले चालीस पेड़ दूंगा।

वह व्यक्ति खुश हो गया और दौड़ते हुए पैगम्बरे इस्लाम के पास गया और कहा हे ईश्वरीय दूत! मैंने वह पेड़ खरीद लिया और अब उसे आप को उपहार में देता हूं।

पैगम्बरे इस्लाम ने कहा ईश्वर तुम से प्रसन्न हो और तुम्हें स्वर्ग में खजूर का एक पेड़ दे। इसके बाद पैगम्बरे इस्लाम उस निर्धन व्यक्ति के घर में गये और उससे कहा कि आज से यह खजूर का पेड़ तुम्हारा और तुम्हारे बच्चों का है।

निर्धन व्यक्ति ने कहा धन्य है ईश्वर जो तूने मेरी पुकार सुन ली। उस निर्धन के बच्चे खुश हो गये तभी कुरआने मजीद की यह आयत आयीः सौगंध है रात की जब वह संसार पर छा जाती है और क़सम है दिन की जब वह चमकता है और कसम है उसकी कि जिसने स्त्रीलिंग व पुलिंग बनाया, तुम्हारे प्रयास अलग अलग हैं तो जो ईश्वर के लिए दान देता है और ईश्वर से डरता है और उसकी ओर से अच्छे पारितोषिक में विश्वास रखता है हमे उसे सरल मार्ग पर लगा देते हैं किंतु जो कंजूसी करता है और इस मार्ग से स्वंय को आवश्यकतामुक्त समझता है तथा ईश्वर की ओर से अच्छे पारितोषिक का इन्कार करता है तो हम शीघ्र ही उसे कठिन मार्ग पर डाल देंगे।

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