इस्लामी शिक्षाओं का पालन ही समाज में शांति स्थापित कर सकता हैः जयललिता

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने इस्लामी मूल्यों पर बल दिया।

उन्होंने सोमवार को चेन्नई में एक इफ़्तार पार्टी का आयोजन कराया जिसमें उन्होंने कहा कि पैग़म्बर मोहम्मद की शिक्षाएं इस बात को सुनिश्चित करेंगी कि भारत शांति का स्वर्ग बना रहे।

उन्होंने बल दिया कि पैग़म्बर मोहम्मद ने सिर्फ़ भलाई करने का भाषण नहीं दिया बल्कि उसे अपने आचरण में ढाला। पैग़म्बर मोहम्मद के अनुयाइयों के लिए रमज़ान का महीना बसंत ऋतु की भांति था। रोज़ा रखने से व्यक्ति आध्यात्मिक चारूता और ईश्वरीय कृपा का पात्र बनता है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में रमज़ान के महीने में रोज़ा रखना, स्वर्ग में प्रवेश का मार्ग प्रशस्त करता है।

इस्लाम की ओर से वर्णित मूल्यों पर बल देते हुए तमिलनाडु की मुख्यमंत्री ने कहा कि इस्लाम एकता, भाईचारे, दान, विनम्रता, परोपकार और धैर्य पर बल देता है। उन सद्गुणों का पालन कि जिन पर पैग़म्बर मोहम्मद ने बल दिया है, शांतिपूर्ण समाज के गठन की गैरंटी है।

उन्होंने कहा कि ईश्वर से संबंध बनाने की ज़रूरत मनुष्य के स्वाभाविक मूल्यों को विकसित करने के लिए है और सभी धर्मों इस आयाम पर बल दिया है।

जयाललिता द्वारा आयोजित इफ़्तार पार्टी में सुन्नी-शीया समुदाय के धर्मगुरुओं व हस्तियों सहित एआईडीएमके के नेता भी उपस्थित थे।

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