बहरैन में शियों विरोधी किताब का प्रकाशन जिसमें शियों को काफ़िर बताया गया

बहरैन जो कि एक शिया बहुल देश हैं और जिसके बारे में कहा जाता है कि वहां 96 प्रतिशत शिया रहते हैं लेकिन वहां की आले ख़लीफ़ा सरकार शियों पर लगातार अत्याचार कर रही है, और शियों के विरुद्ध कार्य करने का कोई भी मौक़ा हाथ से नहीं जाने देती है, आले ख़लीफ़ा की शिया विरोधी पालीसियों में से एक बहरैन में शिया विरोधी किताब का प्रकाशन होना है, कि जिसमें शियों को काफ़िर बताया गया है।

अलआलम से प्राप्त समाचार के अनुसार सईद अलक़हतानी की लिखी किताब सुन्नत का नूर और बिदअत का अंधेरा किताब और सुन्नत में में शियों को सऊदी इराक़ और ईरान में पैग़म्बरे इस्लाम और अहलेबैत के रौज़े की जि़यारत करने के अक़ीदे के कारण काफ़िर बताया गया है।

बरासा नामक साइट ने लिखा है कि इस किताब में शियों को राफ़ेज़ी, बिदअत पैदा करने वाले और पथभ्रष्ट सम्प्रदाय बताया गया है।

यह किताब जिसको आले ख़लीफ़ा के सुरक्षा बलों और सेना में बांटा गया है में जश्न पैग़म्बर के मीलाद मनाने, ख़ुशी मनाने मेराज और 15 शाबान की महफिल आदि को यहूदियों और ईसाईयों के जश्नों की भाति बताया गया है।

स्पष्ट रहे कि बहरैनी सेना जिसमें शियों का प्रवेश विषेध हैने बहरैन में शियों की 38 मस्जिदों को शहीद कर दिया है और कुछ मस्जिदों की भीतरी दीवारों पर आपत्ति जनक बातें लिखी हैं।

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