15 शाबान का महत्व आयतुल्लाह ख़ामेनई के बयान में

15 शाबान का महत्व आयतुल्लाह ख़ामेनई के बयान में

ईरान की इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली खामनई फरमाते है" इमाम महदी के जन्म के मामले में दो आयामों से बड़े चिन्हों को देखा जा सकता है।

पहला आयाम आध्यात्मिक व आत्मिक है। उस व्यक्ति के पास, जो इस बात का विश्वास रखता है कि

वह महादयालु ईश्वर की कृपा की प्रकाशमयी किरणों के मुख्य बिन्दु से आत्मिक संबंध स्थापित करता है, अधिक कृपा के लिए आध्यात्मिक एवं ईश्वर से सामिप्य प्राप्त करने का साधन मौजूद है।

ईश्वर की असीम कृपा व न्याय के प्रतीक से हार्दिक संबंध मनुष्य को परवान चढ़ाता है और उसकी प्रगति का मार्ग प्रशस्त करता है।

दूसरा आयाम सामाजिक जीवन है। हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम के प्रकट होने की आस्था मानवजाति के हृदय में वह आशा है कि मानवता का इतिहास सुधार की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

यह आशा दिलों को प्रकाश देती है और इस बात को स्पष्ट करती है कि हर न्यायप्रेमी आंदोलन क़ानून और प्राकृतिक चक्र के परिप्रेक्ष्य में है।"

परंतु जो वस्तु दिलों को प्रसन्न करती है और नेत्रों को प्रकाश देती है वह हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम के प्रकट होने के बाद अस्तित्व में आने वाला अद्वितीय संसार है।

हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम की सरकार में हर स्थान पर एकेश्वरवाद का बोलबाला होगा और आध्यात्म तथा शिष्टाचार की सुगंध हर स्थान से आयेगी।

यह बात वर्तमान मनुष्य का मार्गदर्शन इस परिणाम की ओर करती है कि एकमात्र मार्ग, जो मानवसमाज को हर प्रकार की बुराई, भेदभाव, अत्याचार एवं अन्याय से मुक्ति दिलायेगा, एकेश्वरवाद की जीवनदायक पद्धति और पवित्र मूल्यों की ओर वापसी है।

यह वही रास्ता व शैली है जिसका मानवता के प्रशिक्षकों ने प्रचार - प्रसार किया है।

हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम के प्रकट होने के समय मानव समाज उनकी इमामत अर्थात ईश्वरीय पद को स्वीकार करेगा और उनके माध्यम से विश्व आबाद होगा जिसमें मौजूद न्याय, सुरक्षा, सफलता व कल्याण की मिठास का स्वाद सब लोग चखेंगे।

इस बात को ध्यान में रखते हुए, कि मानव समाज में एक प्रकार का संतुलन स्थापित हो जायेगा, लोगों को भी मानसिक एवं शिष्चारिक संतुलन प्राप्त हो जायेगा।

इस्लाम के अनुसार यदि मनुष्य को शैक्षिक एवं आत्मिक पथभ्रष्ठता से मुक्ति मिल जाये तो वास्तव में उसने एक प्रकार का न्याय प्राप्त कर लिया है।

इस परिभाषा के साथ हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम की सरकार में लोग क़ानून से भयभीत नहीं होंगे बल्कि पूरे हर्षोल्लास के साथ समानता व बराबरी स्वीकार करेंगे।

वास्तव में हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम के प्रकट होने और उनके महाआंदोलन के साथ मनुष्य के जीवन के अंतिम चरण का आरंभ होगा। वे लोगों का मार्गदर्शन करेंगे।

ईसाईयों के लिए वास्तविक इंजील से और यहूदियों के लिए वास्तविक तौरात से प्रमाण पेश करेंगे और किसी के पास यह कहने का बहाना नहीं रहेगा कि हमें वास्तविकता का ज्ञान नहीं था।

अधिकांश लोग आपके प्रमाण एवं तर्क को स्वीकार कर लेंगे और सत्य के मार्ग को प्राप्त कर लेंगे परंतु जो लोग हठधर्मिता का मार्ग अपनायेंगे, वे उनके विरुद्ध धर्मयुद्ध करेंगे।

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