बहरैन से आयतुल्ला सीस्तानी के प्रतिनिधि के निष्कासन का विरोध


बहरैन की आले ख़लीफ़ा सरकार ने इराक़ के वरिष्ठ धर्मगुरु आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली सीस्तानी के प्रतिनिधि को देश से निष्कासित कर दिया है।

आले ख़लीफ़ा सरकार के इस क़दम की बहुसंख्यक शिया मुसलमानों ने कड़ी आलोचना की है।

हूसैन अलनजाती बहरैन में धार्मिक दान इकट्ठा करने और उसे ज़रूरतमंदों में बांटने के लिए आयतुल्लाहिल उज़मा सीस्तानी के प्रतिनिधि थे।

देश में लोकतंत्र की आवाज़ को कुचलने के लिए जानी जाने वाली आले ख़लीफ़ा सरकार ने नजाती पर पारदर्शिता नहीं बरतने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने देश में अपनी गतिविधियों के लिए सरकार से अनुमति नहीं ली थी।

शिया विपक्ष ने देश से धर्मगुरू के निष्कासन की निंदा की है और कहा है कि तानाशाही सरकार अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों और मानवाधिकारों का निंरतर उल्लंघन कर रही है।

राजनीतिक टीकाकारों का मानना है कि सरकार के इस क़दम से फ़ार्स की खाड़ी के इस छोटे से अरब देश में तनाव और बढ़ेगा।

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