ईरान में आज इस्लामी गणतंत्र दिवस की 25वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है
ईरान में ऐतिहासिक जनमत संग्रह की 35वीं वर्षगांठ के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
यह ऐतिहासिक जनमत संग्रह वर्ष 1979 में इस्लामी क्रांति की सफ़लता के बाद आयोजित किया गया था जिसमें ईरानी जनता ने इस्लामी गणतंत्र की स्थापना के पक्ष में भारी मतदान किया था।
अमरीका समर्थित पहलवी सरकार के पतन के दो महीने से भी कम समय में 30-31 मार्च वर्ष 1979 को आयोजित किए गए इस ऐतिहासिक जनमत संग्रह में 98.2 प्रतिशत से भी अधिक मतदाताओं ने इस्लामी गणतंत्र व्यवस्था के पक्ष में वोट दिया था।
जनमत संग्रह के आयोजन का लक्ष्य जनता की पसंद की सरकार को निर्धारित करना और देश में शक्तिशाली और स्थिर सरकार की स्थापना करना था, ताकि यह सरकार तानाशाही दौर के मुद्दों का समाधान कर सके और इस्लामी क्रांति के लक्ष्यों और उद्देश्यों तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त कर सके।
1979 में सफ़ल होने वाली दुनिया की लोकप्रिय इस्लामी क्रांति का मूल उद्देश्य देश में स्वतंत्रता, संप्रभुता और इस्लामी गणतंत्र व्यवस्था की स्थापना था।
उसके बाद से हर साल ईरानी राष्ट्र इस्लामी गणतंत्र की स्थापना की वर्षगांठ को इस्लामी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाता है, जो ईरानी कैलेंडर के अनुसार 12 फ़रवरदीन है अर्थात, सामान्य वर्षों में पहली अप्रैल और लीप ईयर में 31 मार्च।
इमाम खुमैनी ने इस्लामी क्रांति की सफ़लता के बाद अपनी मज़बूत इस्लामी व राजनीतिक विचारधारा के अनुसार, इस्लामी एवं राजनीतिक मूल्यों के आधार पर देश में नई लोकतांत्रिक व्यवस्था की स्थापना की।
नई टिप्पणी जोड़ें