इमाम ख़ुमैनी का दैविक-राजनीतिक मृत्युलेख

यह वसीयतनामा न केवल इसलिए महत्वपूर्म है कि यह स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी की अंतिम इच्छा है बल्कि यह एक ऐसा महान "क्रांतिलेख" है जिसको पढ़कर संपूर्ण इस्लामी क्रांति के अस्तित्व व उद्देश्य, उसके मूल सिद्धांत एवं आदर्श, उसकी सफलता एवं लोकप्रियता के कारणों...

यह वसीयतनामा न केवल इसलिए महत्वपूर्म है कि यह स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी की अंतिम इच्छा है बल्कि यह एक ऐसा महान "क्रांतिलेख" है जिसको पढ़कर संपूर्ण इस्लामी क्रांति के अस्तित्व व उद्देश्य, उसके मूल सिद्धांत एवं आदर्श, उसकी सफलता एवं लोकप्रियता के कारणों, उसके महान परिणामों, उसके मित्रों एवं शत्रुओं की प्रतिक्रिया, शत्रुओं के पडयंत्रों, रक्षा के उपायों तथा भविष्य में उसको सुरक्षित रखने वाले आदर्शों और उपायों का अनुमान लगाया जा सकता है

इमाम ख़ुमैनी का दैविक-राजनीतिक मृत्युलेख

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