नेतनयाहू के बयान ने सुन्नी मुसलमानों के लिए सीरिया युद्ध की हक़ीक़त सपष्ट कर दी है
ईरान ने कहा है कि ज़ायोनी प्रधान मंत्री बिनयामिन नेतनयाहू ने अपने हालिया बयान में, जिसमें उन्होंने सीरिया में आतंकवाद के ख़िलाफ़ ईरान के योगदान का विरोध किया है, साफ़ तौर पर ज़ाहिर कर दिया है कि सीरिया में जारी जंग के पीछे इस्राईल का हाथ है।
संसद सभापति अली लारीजानी ने रविवार को यह बयान दिया है। उनका यह बयान, गुरुवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादमीर पूतिन के साथ ज़ायोनी प्रधान मंत्री बिनयामिन नेतनयाहू के बीच हुयी बातचीत के संदर्भ में सामने आया है।
रिपोर्ट के अनुसार,नेतनयाहू ने “ बातचीत के ज़रिए किसी भी सहमति की स्थिति में अतिग्रहित फ़िलिस्तीन के उत्तर में ईरानी फ़ोर्सेज़ की उपस्थिति का, कड़ा विरोध किया है।”
ईरान सीरियाई सेना की विदेश समर्थित आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में सलाहकार के रूप में मदद कर रहा है।
लारीजानी ने संसद के सत्र को संबोधित करते हुए कहा, “नेतनयाहू ने सीरिया में शांति के लिए शर्तें रखी हैं। उन्होंने साफ़ तौर पर सीरिया जंग के पीछे ज़ायोनी शासन के हाथ होने की बात कही है।”
ईरान के संसद सभापति ने कहा, “अगर कुछ क्षेत्रीय नेताओं को अब तक इस बात पर शक था कि सीरिया जंग मुसलमानों के हित में नहीं है, कम से कम सुन्नी मुसलमानों के मन से ज़ायोनी शासन के प्रमुख के बयान से संदेह दूर हो जाना चाहिए।”
अली लारीजानी ने कहा, “क्षेत्र में ख़तरनाक खेल का मुख्य लक्ष्य प्रतिरोध और उसके समर्थकों को पराजित कर ज़ायोनी शासन के पूरी तरह प्रभुत्व का रास्ता साफ़ करना है।”
रिपोर्ट के अनुसार, नेतनयाहू ने पूतिन से बातचीत के दौरान कहा कि शांति समझौते में “गोलान हाइट्स पर किसी तरह की चर्चा नहीं है”।
ग़ौरतलब है कि इस्राईल ने 1967 से सीरिया के गोलान हाइट्स क्षेत्र का अतिग्रहण कर रखा है। जबसे सीरिया में विदेश समर्थित आतंकवाद शुरु हुआ है, उस समय से ज़ायोनी शासन गोलान हाइट्स में तकफ़ीरी आतंकियों का इलाज कर रहा है।
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