नबी की 18 साला बेटी के जिगर पर 18 ज़ख़्म

नबी की 18 साला बेटी के जिगर पर 18 ज़ख़्म

आज हमारे समाज में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो इतिहास को बदलना चाहते हैं और इस प्रकार चाहते हैं कि एतिहासिक वास्तविक्ताओं को झुठला दें लेकिन उनको पता नहीं है कि सच्चाई को झुठलाने वाले ख़ुद अपनी क़ब्रों में चलें जाएंगे लेकिन सच्चाई का सूरज पहले दिन की भाति चमकता रहे हैं।

इस्लामी तारीख़ कि वह वास्तविक्ताएं जिनको झुठलाने का प्रयत्न किया जा रहा है उसमें से एक हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स) की शहादत और आपकी मीरास फ़िदक का ग़स्ब किया जाना है।

लेकिन इन झुठलाने वालों की अंधी आखें यह नहीं देख पाती हैं कि जिनको वह झुठलाना चाहते हैं स्वंय उनकी किताबें इन वास्तविक्ताओं से भरी हुई हैं।

हम इस संक्षिप्त लेख में अहलेसुन्नत की पुस्तकों से हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स) की शहादत और आपके फ़िदक को ग़स्ब किए जाने के बारे में हदीसों को बयान करेंगे।

1.    सही बुख़ारी हदीस 3714 फ़ातेमा (स) मेरा टुकड़ा है और जो फ़ातेमा (स) को क्रोधित करे उसने मुझे क्रोधित किया है।

2.    सही मुस्लिम हदीस 6202 फ़ातेमा (स) मेरा टुकड़ा है जो उसे अज़ीयत (दुख दे) करे उसने मुझे दुख दिया है।

3.    सही बुख़ारी हदीस 3092 फ़ातेमा (स) ने अपनी मीरास को मांगा।

4.    सही बुख़ारी हदीस 3092 अबू बक्र ने क़ुरआन के विरुद्ध एक हदीस को पैग़म्बर (स) से मंसूब किया और फ़ातेमा (स) की मीरास में रुकावट बने।

5.    सही बुख़ारी हदीस 3092 फ़ातेमा ज़हरा (स) अबूबक्र से क्रोधित हुई।

6.    सही बुख़ारी हदीस 3092 फ़ातेमा ज़हरा (स) ने अबूबक्र और हुकूमत से (क्रोधित हुईं) दूरी रखी यहां तक कि आपकी शहादत हो गई।

7.    सही बुख़ारी हदीस 3092 फ़ातेमा ज़हरा (स) ने शहादत तक अबूबक्र से बात नहीं की।

8.    सही बुख़ारी हदीस 3092 अली (अ) ने फ़ातेमा (स) को रात में दफ़्न किया।

9.    सही बुख़ारी हदीस 3092 अली ने अबूबक्र के फ़ातेमा (स) पर नमाज़े जनाज़ा में समिलित होने की अनुमति नहीं दी।

10.    सही मुस्लिम हदीस 4468 अली (अ) और अब्बास, अबूबक्र और उमर को फ़ातेमा (स) की मीरास ना देने के संबंध में झूठा, पापी और ख़यानत करने वाला समझते थे।

11.    सही मुस्लिम हदीस 4471 अबूबक्र हज़रत फ़ातेमा (स) के मीरास लेने में रुकावट बने।

12.    सही मुस्लिम हदीस 4471 फ़ातेमा ज़हरा (स) अबूबक्र पर क्रोधित हुईं।

13.    सही मुस्लिम हदीस 4471 अली ने फ़ातेमा ज़हरा (स) को रात में दफ़्न किया ।

14.    सही मुस्लिम हदीस 4471 अली ने अबू बक्र को फ़ातेमा (स) के जनाज़े पर नमाज़ पढ़ने की अनुमति नहीं दी।

15.    सही मुस्लिम हदीस 4471 अली ने फ़ातेमा ज़हरा (स) पर नमाज़ पढ़ी।

16.    सूरा तौबा आयत 61 जिन लोगों ने ख़ुदा के रसूल को दुख दिया उनपर बहुत ही जलाने वाला अज़ाब होगा।

17.    सूरा अहज़ाब आयत 57 जो लोग ख़ुदा और रसूल के अज़ीयत करते हैं उनपर दुनिया और आख़ेरत में ख़ुदा की लानत होगी और उनपर बहुत भयानक अज़ाब होगा।

18.    सूरा मुमतहेना आयत 13 हे ईमान वालों जिन लोगों से ख़ुदा क्रोधित है उनको दोस्त न बनाओ।

परिणाम

मैं हज़रत फ़ातेमा (स) की शहादत के विरोधियों से प्रश्न करता हूं आप बताइयें कि फ़ातेमा (स) पैग़म्बर (स) की हदीस के अनुसार आपका टुकड़ा हैं या नहीं? आपको क्रोधित करने वाले ईश्वर को क्रोधित करता है या नहीं? आपको दुख देने वाले ने ईश्वर और रसूल को दुख दिया है या नही? क्या ऐसा नहीं है कि ख़लीफ़ाओं ने जिन भी कारणों सो हो आपको आपका हक़ नहीं दिया? क्या यह सही नहीं है कि फ़ातेमा (स) ने अपने जीवन की अन्तिम सासों तक अबूबक्र से बात नहीं की?

ख़ुदा ने क़ुरआन में यह कहा है कि नहीं कि पैग़म्बर (स) के दुख देने वाले के लिए भयानक अज़ाब है (सूरा अहज़ाब आयत 57)

स्पष्ट सी बात है कि विवश होकर इन लोगों को इन प्रश्नों का उत्तर हां में देना होगा क्यों कि यह क़ुरआन और सहीहैन की बातें हैं जिनको झुठलाया नहीं जा सकता।

अब मेरा इन लोगों से अन्तिम प्रश्न हैः अगर स्वंय ख़ुदा ने यह कहा है कि ख़ुदा को क्रोधित करने वालों को अपना दोस्त न बनाओ तो हम कैसे ऐसा कार्य कर सकते हैं?

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