फ़िदक, शिकस्ता पहलू पर 30 ज़ख़्म
सैय्यद ताजदार हुसैन ज़ैदी
بسم الله الرحمن الرحیم
1. फ़िदक छीना गया ताकि अली ख़िलाफ़त वापस पाने के लिए उसका प्रयोग ना कर सकें (शरहे नहजुलबलाग़ा, इबने अबिल हदीद, जिल्द 16 पेज 236)
2. हज़रत फ़ातेमा (स) और अबूबक्र के बीच तीन बातों में मतभेद था (शरहे नहजुलबलाग़ा, इबने अबिल हदीद, जिल्द 16 पेज 230)
3. फ़िदन बिना जंग के मुसलमानों को मिला (फ़ुतूलुह बुलदान, पेज 38)
4. फ़िदक बहुत मूल्यवान सम्पत्ती थी (मोजमुल बुलदान जिल्द 4, पेज 238)
5. फ़ैइ (वह माल जो बिना जंग के मुसलमानों को प्राप्त हो) विशेष हैं पैग़म्बर से (क़ुरआन सूरा हश्र आयत 6)
6. फ़िदक फ़ैइ है, और विशेष हैं पैग़म्बरे इस्लाम (स) से (सीरए इबने हेशाम जिल्द 3, पेज 301)
7. आयतः क़राबदतारों का हक़ दे दो (सूरा असरा आयत 26)
8. रसूले ख़ुदा ने ख़ुदा के आदेश से फ़िदक हज़रत फ़ातेमा (स) को दिया (दुर्रुल मंसूर, जिल्द 4, पेज 177)
9. फ़िदक पर अधिकार करने के लिए दूसरे ख़लीफ़ा ने कार्यवाही की (मजमउज़्ज़वाएद, जिल्द 9, पेज 40)
10. अबूबक़्र ने हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स) से फ़िदक छीन लिया (सवाएक़े मोहरक़ा, पेज 52 और 31)
11. फ़िदक के बारे में सईद हिमयरी ने शेर कहा (शरहे नहजुलबलाग़ा, इबने अबिल हदीद, जिल्द 16, पेज 232)
12. फ़ातेमा ज़हरा (स) ने फ़िदक वापस पाने के लिए क़दम उठाया (सही मुस्लिम, जिल्द 5 पेज 153, सही बुख़ारी, दिल्द 5, पेज 82)
13. अबूबक़्र ने फ़िदक वापस देने से इन्कार कर दिया (फ़ुतूहुलबुलदान, पेज 238 )
14. उम्मे एमन ने गवाही दी कि फ़िदक फ़ातेमा (स) का हक़ है (शरहे नहजुलबलाग़ा, इबने अबिल हदीद, जिल्द 16, पेज 214)
15. उम्मे एमन, पैग़म्बर (स) के ग़ुलाम और हज़रत अली (अ) ने गवाही दी कि फ़िदक फ़ातेमा की सम्पत्ति है (फ़ुतूहुल बुलदान, जिल्द 1, पेज 44)
16. पहले ख़लीफ़ा ने हज़रत अली (अ) फ़ातेमा (स) और उम्मे एमन की गवाही स्वीकार नहीं की (फ़ुतूहुल बुलदान जिल्द 1, पेज 44)
17. अली की गवाही सच्ची गवाही है, “अली सत्य के साथ हैं और सत्य अली के साथ” (तबक़ातुल क़ुबरा, जिल्द 8, पेज 224)
18. हज़रते ज़हरा (स) मासूम हैं और उनसे झूठ संभव नहीं है (सूरा अहज़ाब आयत 33)
19. अबूबक़्र ने इस बात का इन्कार किया कि फ़िदक रसूले ख़ुदा (स) का माल था (सक़ीफ़ए जौहरी, पेज 102)
20. फ़िदक फ़ैइ हैं और विशेष हैं पैग़म्बरे इस्लाम (स) से (सीरए इबने हेशाम जिल्द 3 पेज 301)
21. पैग़म्बर की एक हदीस जिसको केवल अबूबक्र ने सुना था कि आपने फ़रमायाः नबी मीरास नहीं छोड़ते हैं (सही बुख़ारी जिल्द 5, पेज 82)
22. हज़रत ज़हरा (स) ने अबूबक्र की बात कि “नबी मीरास नहीं छोड़ते हैं” को ग़लत साबित किया (सीराए हलबिया, जिल्द 3, पेज 488)
23. हम मीरास नहीं छोड़ते हैं वाली हदीस क़ुरआन के विरुद्ध हैं (सूरा नमल आयत 16, सूरा मरयम आयत 6)
24. दूसरे ख़लीफ़ा ने हज़रत फ़ातेमा (स) से दोबारा फ़िदक वापस ले लिया (सीराए हलबी, जिल्द 3, पेज 488)
25. दूसरे ख़लीफ़ा ने फ़िदक के दस्तावेज़ों को फाड़ दिया (सीराए लहबी, जिल्द 3, पेज 488)
26. हज़रत फ़ातेमा (स) ने फ़िदक को कभी पैग़म्बर की मीरास और कभी उपहार कहकर वापस मांगा (शरहे नहजुलबलाग़ा, इबने अबिल हदीद, जिल्द 16, पेज 232)
27. हज़रत ज़हरा (स) ने तमाम मुहाजिर और अंसार से इन्साफ़ मांगा (शरहे नहजुलबलाग़ा, इबने अबिल हदीद, जिल्द 16, पेज 211)
28. फ़ातेमा ज़हरा (स) ने नमाज़ के बाद लानत की (अलइमामा वल सियासा, जिल्द 1, पेज 14)
29. आपने रात में दफ़्न की वसीयत की ताकि यह लोग आप पर नमाज़ ना पढ़ सकें (सुनने कुबरा, जिल्द 4, पेज 29)
30. उमर बिन अब्दुल अज़ीज़ के ज़माने में फ़िदक को फ़ातेमा ज़हरा (स) की संतान को वापस किया गया (वफ़ा वलवफ़ा, जिल्द 3, पेज 999)
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