जापान के बौद्ध धर्म के अनुयाई ने इस्लाम क़ुबूल किया।

जापान के बौद्ध धर्म के अनुयाई ने इस्लाम क़ुबूल किया।

जापान के एक बौद्ध धर्म के अनुयायी ने जो अभी हाल में मुसलमान हुए हैं, इस्लाम को सोच विचार का धर्म और विचारकों के लिए सर्वश्रेष्ठ नियमों वाला धर्म बताया।

Rohma.org की रिपोर्ट के अनुसार ताज़ा मुसलमान हुए इस जापानी नागरिक ने ईरानी संसद मजलिसे शूराए इस्लामी में धर्मगुरु हुज्जतुल इस्लाम मुर्तज़ा आक़ा तेहरानी के सामने कलमा पढ़ा और अपना पहले वाला नाम प्रकट न करने के पीछे सुरक्षा को कारण बताया और कहा कि अपने ईरानी मित्र के माध्यम से वह पवित्र क़ुरआन से परिचित हुए हैं।

उन्होंने कलमा पढ़ कर अपना नाम इब्राहीम रखा और बताया कि लगभग पांच वर्ष पूर्व इब्राहीम नाम के एक ईरानी मित्र के सुझाव पर मैंने क़ुरआन का अध्यन आरंभ किया, फिर ढाई वर्ष बाइबल का अध्ययन किया और फिर इन दोनों ईश्वरीय किताबों के बीच तुलना करने के पश्चात मैंने इस्लाम स्वीकार किया।

इस जापानी मुसलमान के शब्दों मेंः ईसाई धर्म से परिचित होने के लिए मैंने बहुत से पादरियों से बातचीत की तो पता चला कि उनका ट्रिनिटि पर विश्वास है और वे हज़रत ईसा मसीह को ईश्वर का पुत्र मानते हैं जबकि क़ुरआन की दृष्टि से हज़रत ईसा भी हमारी भांति एक मनुष्य थे जिन्हें ईश्वर ने पैग़म्बरी के लिए चुना। इब्राहीम नाम के इस जापानी मुसलमान के अनुसार पश्चिमी संस्कृति का जापान में ईसाइयों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है, इसने उनका ब्रेनवाश कर दिया है, एशिया में ईसाईयत ने राष्ट्रवादी आयाम ले लिया है और वास्तव में वे पश्चिमी विचारधारा में बह गए हैं और अपनी पहचान खो दी है किन्तु मुसलमान पश्चिम की संस्कृति विशेष रूप से उसके अमरीकी संस्करण के सामने अधिक डटे हुए हैं। इस जापानी मुसलमान ने इस्लाम के आकर्षित करने वाले बिन्दुओं के बारे में कहाः इस्लाम पूरिपूर्ण धर्म है और जीवन के सभी आयामों के लिए उसके पास सुनियोजित कार्यक्रम हैं और इस्लाम न्याय, स्नेह, बराबरी, समानता, भाईचारे और साम्राज्य से संघर्ष पर बल देता है, इस्लाम की दृष्टि में ईश्वर एक है, उसे किसी ने जन्म नहीं दिया है, उसे न मौत आएगी और न ही उसे नींद आती है।

पवित्र क़ुरआन में हैः ईश्वर मौजूद है, किन्तु दिखाई नहीं देता, सृष्टि का कोई अस्तित्व नहीं था उसने उसे न होने से अस्तित्व दिया है, मृत्यु के बाद वह हमें पुनः जीवित कर सकता है। जब हम मर जाएंगे तो वह प्रलय के दिन हमें पुनः उठाएगा और हमसे हमारे इस संसार के कर्मों के बारे में पूछताछ करेगा और न्याय करेगा।

समाचार एजेंसी फ़ार्स ने इब्राहीम नाम के इस जापानी मुसलमान से जब इस्लाम के बारे में विचार पूछा तो उन्होंने कहाः इस्लाम उत्तम धर्म है और यदि इसकी महत्ता को समझ जाएं तो कभी भी इससे दूर नहीं होंगे किन्तु बहुत से लोग पश्चिम के दुष्प्रचार के प्रभाव में इस धर्म को कठिन समझने लगते हैं।

इस जापानी मुसलमान ने कहाः इन दिनों अमरीका और उसके घटक इस्लामोफ़ोबिया के लिए बहुत गंभीर रूप से कुप्रयास कर रहे हैं और जापान में अमरीकी विचार छाए हुए हैं जबकि इस्लाम स्नेह का धर्म है, पैग़म्बरे इस्लाम ईश्वर की ओर से साक्षात कृपा हैं, इस्लाम सोच विचार का धर्म और विचारकों के लिए सर्वश्रेष्ठ नियम है।

इस जापानी मुसलमान ने जापान में मुसलमानों की स्थिति के बारे में बताया कि जापान में मुसलमान कठिनायी में जीवन बिता रहे हैं, इस देश के सुरक्षा तंत्र इस्लाम की ओर झुकाव के विषय को बड़ी गंभीरता से ले रहे हैं और वे अमरीका और ब्रिटेन की गुप्तचर संस्थाओं के साथ उन लोगों के विरुद्ध समस्याएं खड़ी करते हैं जिनका इस्लाम की ओर झुकाव होता है।

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