लेबनान में मीशल औन का राष्ट्रपति बनना हिज़्बुल्लाह के मुक़ाबले सऊदी अरब और इस्राईल की हार है
इस्राईल के प्रधानमंत्री नेतन याहू के क़रीबी समाचार पत्र इस्राईल यूडे ने लिखा लेबनान में राष्ट्रपति पद के लिए मीशल औन का चुनाव हिज़्बुल्लाह का महासचिव हसन नसरुल्लाह की बहुत बड़ी जीत है।
टीवी शिया समाचार पत्र ने लिखा मीशल के राष्ट्रपति बनने का अर्थ यह है कि सअद हरीरी और सऊदी अरब ने नसरुल्लाह और ईरान के मुक़ाबले में सफेद झंडा उठा दिया है, समाचार पत्र ने दावा किया है कि मीशल औन के राष्ट्रपति बनने के बाद लेबनान हिज़्बुल्लाह और ईरान की गोद में चला जाएगा।
इस्राईल टूडे ने लिखा है कि मीशल औन ने अपनी राजनीतिक शक्ति से हिज़्बुल्लाह के साथ एक स्ट्रैटेजिक गंठबंधन बनाने में कामयाबी पाई है और यही कारण है कि पुराने समय के विरुद्ध जब मारूनी फ्रांस, अमरीका या फिर इस्राईल की तरफ़ देखते थे इस बार औन और मारूनियों ने अपनी क़िस्मत हिज़्बुल्लाह और ईरान के साथ जोड़ दी है।
इस समाचार पत्र ने सीरिया और इराक़ में ईरान के फ़ायदे में बदले समीकरणों और इन तीनों देशों को प्राप्त रूस के समर्थन पर रौशनी डालते हुए लिखा है कि क्षेत्र में अमरीका कोई विशेष भूमिका नहीं निभा रहा है और उसका प्रभाव कम होता जा रहा है।
स्पष्ट रहे कि लेबनान का राष्ट्रपति पद बहुस समय से जारी राजनीतिक गतिरोध के कारण ख़ाली था और अब मीशल औन को 127 में 84 वोटों के साथ नया राष्ट्रपति बनाया गया है।
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