मोमिन को प्रसन्न करने का इन्आम

मोमिन को प्रसन्न करने का इन्आम

अलकाफ़ी में इमाम मोहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम के रिवायत आई है कि आपने फ़रमायाः अल्लाह ताला ने हज़रत मूसा पर वही (आकाशवाणी) कीः मैंने अपने कुछ बंदों के लिए जन्नत तैयार की है और उन्हें बिना हिसाब किताब के स्वर्ग में दाख़िल करूँगा।
हज़रत मूसा ने प्रश्न कियाः हे ईश्वर वह भाग्यवान इन्सान कौन है?
आवाज़ आईः जो मोमिन को प्रसन्न करें, को किसी ऐसे मोमिन को पनाह दे जो किसी अत्याचारी बादशाह के भय से भागा हुआ हो।
अगर किसी मोमिन को एक काफ़िर भी पनाह दे तो उसकी मृत्यु के समय मैं उसको सम्बोधित करके कहूँगाः मुझे क़सम है अपनी इज़्ज़त और सम्मान की अगर तुझ जैसे लोगों के लिए स्वर्ग में स्थान होता तो मैं अवश्य तुझे स्वरंग में पहुँचा देता।
मेरा स्वर्ग उन लोगों के लिए हराम है जो मरते समय काफ़िर मरें। अब नर्क अपनी भयानक आवाज़ से तुझे डराएगा अवश्य लेकिन तुझे हानि नहीं पहुँचा सकेगा। तुझे सुबह एवं शाम खाना पहुँचाया जाएगा।
रावी कहता है कि मैंने इमाम मोहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम से प्रश्न कियाः तो क्या उसे स्वर्ग से खाना पहुँचाया जाएगा?
इमाम ने उत्तर दियाः जहां से ईश्वर चाहेगा उसे खाना देगा।
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