सऊदी अरब से ईरान पर हमला करने के फ़िराक़ में था इस्राईलः विकीलीक्स
विकीलीक्स द्वारा जारी नए दस्तावेज़ों से पता चलता है कि 2012 में ज़ायोनी शासन इस्राईल सऊदी अरब के एक सैन्य अड्डे से इरान पर हमला करने के फिराक़ में था।
टीवी शिया टाइम्स आफ़ इस्राईल ने लिखाः विकीलीक्स ने रविवार को कुछ दस्तावेज़ जारी करके इस रहस्य से पर्दा उठाया है कि इस्राईल सऊदी अरब के एक सैन्य अड्डे का प्रयोग करके ईरान पर वहाई हमले करना चाहता था ताकि ईरान के परमाणु प्रोग्राम को नुक़सान पहुँचा सके।
अमरीका उस समय के विदेशमंत्री हेलरी किलिंटन के सलाहकार और एक ब्लूमेंटल के बीच 24 जनवरी 2012 के एक ईमेल से इस रहस्य से पर्दा उठा है जिसमें ब्लूमेंटल ने कहा थाः इस समय चूँकि इस्राईल ईरान के साथ पूर्ण युद्ध की स्थिति में नहीं है, इसलिए अब वह सैन्य हमले की धमकी देने वाली सियासत को अगे बढ़ाएगा ताकि यह दिखा सके कि वह ईरान के परमाणु प्रोग्राम के सिलसिले में गंभीर है।
जिसके उत्तर में इस्राईली सूत्र ने भी कहाः उन रास्तों में से एक रास्ता यह है कि सऊदी अरब के एक सैन्य अड्डे को नवीनतम तकनीक के लैस किया जाए जहां से सुरक्षित रूप से ईरान पर हमला किया जा सके जिसके बाद इस्राईल अपने उच्च तकनीक वाले बहुत से लड़ाकु विमानों को भेजे जो ईरान पर हमले में प्रयोग किए जा सकें।
इस ईमेल में तुर्की और यूरोपीय देशों के सूचना संसाधनों और सुरक्षा सूत्रों की तरफ़ से दी जाने वाली चेतावनी के बारे में भी कहा गया है जिसमें सभी ने यह संभावना व्यक्त की है कि ईरान पर इस्राईल का हमला मध्यपूर्व में पूर्ण युद्ध के रूप में बदल सकता है जिसके बाद इस्राईल के अरबी पड़ोसी भी उसके विरुद्ध मोरचा खोल सकते हैं।
इन दस्तावेज़ों के अनुसार तुर्की के एक सैन्य कमांडर ने उस समय कहा था कि सीरिया और लेबनान में हिज़्बुल्लाह लड़ाकों के पास दो लाख से अधिक मीज़ाइल मौजूद हैं जो युद्ध की स्थिति में इस्राईल के विरुद्ध प्रयोग किए जाएंगे।
यूरोपीय ख़ुफ़िया सूत्रों ने भी इस क़दम पर गंभीर चेतावनी देते हुए कहा था, युद्ध की सूरत में इस्राईल हज़ारों मीज़ाइलों की ज़द पर होगा जो ईरान, लेबनान, सीरिया और गज़्ज़ा पट्टी से उस पर दाग़े जाएंगे, और इस प्रकार का युद्ध विश्व की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा ख़तरा होगा और जिसके लिए इस्राईल के ज़िम्मेदार ठहराया जाएगा।
टाम्स आफ़ इस्राईल के अनुसार विकीलीक्स ने 2013 के हेलरी किलिंटन के एक भाषण को भी जारी किया है जिसमें उन्होंने ईरान के विरुद्ध इस्राईल की कामयाबी की संभावनाओं पर निराशा जताई थी और कहा था कि युद्ध की सूरत में इस्राईल ईरान को कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुँचा पाएगा।
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