सावधान!!!
सावधान!!!
عن ابی جعفر عن رسول اللہ صلی اللہ علیھما قال:
इमाम बाक़िर अलैहिस्सलाम ने अपने नाना रसूले इस्लाम (स) से रिवायत की है कि आपने फ़रमायाः
خمس ان ادرکتموھن فتعوذو باللہ منھن
पाँच चीज़ें ऐसी हैं कि अगर तुम उनको देखों और उस युग में हो तो ख़ुदा से पनाह मांगो कि कहीं तुम उसमें न पड़ जाओ।
لم تظهر الفاحشة في قوم قط حتى يعلنوها الا ظهر فيهم الطاعون والاوجاع التي لم تكن في اسلافهم الذين مضوا
1. अगर देखों कि लोग पाप, ज़ेना, अशलीलता को खुलम खुल्ला और सबके सामने अंजाम दे रहे हैं, प्लेग और नई नई तरह की बीमारियाँ देखो जो लोगों में फैल रही हैं जो उससे पहले नहीं थी और उनके बारे में नहीं सुना था (तो इन चीज़ों से ईश्वर की पनाह मांगो कि वह तुमको इससे बचाए)
ولم ينقصوا المكيال والميزان ، الا أخذوا بالسنين وشدة المؤونه وجور السلطان
2. अगर (बेचने वाले) तौल एवं तराज़ू में गड़बड़ी करें और कम तौले एवं मंहगा बेचें, अगर लोग सूखे और फ़क़ीरी में गिरफ़्तार हो जाए अगर उन पर शासक और बादशाह अत्याचार करें (तो इन चीज़ों से ईश्वर की पनाह मांगो कि वह तुमको इससे बचाए)
ولم يمنعوا الزكاة الا منعوا القطر من السماء ، ولولا البهائم لم يمطروا.
3. अगर लोग ज़कात को जो कि ग़रीबों और फ़क़ीरों का हक़ है अदा न करें, तो वह सूखे की चपेट में आ जाएंगे और आसमान उन पर पानी नहीं बरसाएगा, अगर जानवरों पर (ईश्वर की) कृपा न होती तो कभी भी पानी नहीं बरसता (यानी इन्सानों के पाप इतने अधिक को गए हैं कि वास्तविक्ता तो यह है कि उन पर पानी नहीं बरसना चाहिए लेकिन यह ईश्वर की जानवरों पर दया है कि वह इन सारे पापों के बाद भी पानी बरसा रहा है)
ولم ينقضوا عهد الله وعهد رسوله ، الا سلط الله عليهم عدوهم ، واخذ بعض مافي ايديهم
4. अगर ख़ुदा और उसके रसूले से किए गए वादों को लोग तोड़ें तो ख़ुदा शत्रुओं को उन पर सत्ता दे देता है ताकि वह ईश्वर की दी हुई कुछ नेमतों को उन से छीन लें।
ولم يحكموا بغير ما انزل الله ، الا جعل الله بأسهم بينهم .
5. अगर ख़ुदा के आदेश और हुदूद (सीमाओं को तोड़ने पर दी जाने वाली सज़ा) को पूरा न किया जाए और ईश्वर के अतिरिक्त किसी दूसरे का आदेश जारी किया जाए तो ख़ुदा उनको मतभेदों और अनेकनता और जंग के माध्यम से एक दूसरे का रक्त बहाने में लगा देगा ताकि उनकी शक्ति और दौलत समाप्त हो जाए।
(क़िस्साहाई मांदगार, नुक्ताहाई नाब पेज 26-27)
नई टिप्पणी जोड़ें