तकफ़ीरी मुफ़्ती ने आतंकी संगठन दाइश को विद्रोही बताया!!!

आतंकवादी तकफ़री संगठन इराक़ और शाम में इस्लामी हुकूमत (दाइश) के बदनाम हो जाने के बाद तकफ़ीरियों को मुफ़्ती और सीरिया में हथियार बंद गुटों के रूहानी पिता ने उनके ख़ारेजी (विद्रोही) कहा है।


"अदनान अरऊर" जो तकफ़ीरी और सीरिया में हथियारबंद गुटों के समर्थन में फ़तवे दिए जाने के लिए प्रसिद्ध हैं ने सऊदी अरब से वित्तरीय सहायता प्राप्त चैनल "शज़ा" से बातचीत करते हुए दाइश संगठन के साहिल कमांडर अबू ईमन अल इराक़ी को पकड़ने वाले के लिए इनआम का एलान किया है।

उन्होंने कहा कि यह इन्सान इराकी खुफिया विभाग का अधिकारी है और मुझे नहीं लगता है कि वह धार्मिक अदालत के समाने हाज़िर होगा।

अरऊर ने इसी प्रकार "अबू ईमन" पर आरोप लगाया कि वह सऊदी अरब से सीरिया आने वाले आत्मघाती हमलावरों से छुटकारा पाने के लिए उनको जंग में भेजता है और उनको मौत के मुंह में डाल देता है।

अरऊर ने आगे कहाः मैं दाइश के सारे सदस्यों पर आरोप नहीं लगा रहा हूँ लेकिन उनमें से बहुत सो ने बयान न किए जा सकने वाले कार्य किए हैं, इसलिए दाइश के वह सदस्य जिन्होंने ख़ुदा के क़ानून का जारी नहीं किया है वह विद्रोही के हुक्म में हैं, वह नर्क के कुत्ते या ख़ुफ़िया विभाग के सदस्य हैं।

उन्होंने अपने इस क्रोध का कारण बताते हुए कहाः दाइश ने "अहरारुल शाम" (जो कि एक आतंकी संगठन है) के हमारे भाईयों पर हमला करके जुर्म किया है।

इससे पता चलता है कि अरऊर को आतंकी संगठनों और सऊदी अरब से सम्बंधित गुटों की आपसी लड़ाई में बड़ी हार की चिंता सता रही है।

सशस्त्र गुटों का कहना है कि दाइश के कमांडर "अबू वाएल अल इराक़ी" "ख़ुदा की तरफ़ प्रवास" नामी गुट के कमांडर "अबू बसीर अल ज़कानी" और जलाल वाएरली" को जिन्होंने रबीआ गाँव में मैदानी अस्पतालों के कुछ कर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था और दूसरे 6 लोगों की हत्या कर दी थी का हत्यारा है।

राजनीतिक प्रेक्षकों का विचार है कि दाइश पर अरऊर के यह आरोप सऊदी अरब की इस संगठन पर बाहर से दबाव डालने की नीति है, क्योंकि इस संगठन ने सऊदी अरब से सम्बंधित आतंकियों के साथ मुठभेड़ में उनको बहुत क्षति पहुँचाई है।

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