शैतान की सूरत

शैतान की सूरत

इस्हाक़ बिन अम्मार कहते हैं कि इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने मुझ से फ़रमायाः हे इस्हाक़ मेरे दोस्तों के साथ जितनी नेकी और भलाई कर सकते हो करो क्योंकि जब कोई मोमिन दूसरे मोमिन पर एहसान और नेकी करता है तो यह ऐसा ही है कि वह इबलीस के चेहरे को नोचता है और उसके दिन को घायल करता है।

उसूले काफ़ी जिल्द 3 पेज 295 इबलीस नामा से लिया गया पेज 86

इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने अबदुल्लाह बिन जुनदब से अपनी नसीहतों में फ़रमायाः आदमी को फंसाने के लिए शैतान के पास जाल और रस्सियाँ हैं इसलिए तुम अपने आप को उससे बचाओ।

जुनदब ने कहाः हे रसूल के बेटे शैतान के वह जाल क्या हैं?

इमाम ने फ़रमायाः एक तो यही है कि वह मोमिन भाई पर एहसान और नेकी करने से रोकता है और उसकी रस्सियाँ नींद आदि हैं यानि आदमी सो जाए ताकि वाजिब नमाज़ आदि न पढ़ सके।

तोहफ़ुल उक़ूल, बिहारुल अनवार जिल्द 75 पेज 280 इबलीस नामा से लिया गया पेज 86

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