वादे को पूरा करो

वादे को पूरा करो

एक व्यक्ति के पास एक बहुत ही नेक और अच्छा दास था, एक बार वह व्यक्ति बहुत अधिक बीमार हो गया तो उसने ख़ुदा के सामने क़सम खाई कि अगर वह अच्छा हो गया तो उस दास को आज़ाद कर देगा।

उसकी दुआ स्वीकार हो गई और वह अच्छा हो गया, लेकिन अब उसका दिल नही मान रहा था कि वह उस दास को आज़ाद करे, इसलिए उसने उसको आज़ाद नहीं किया।

कुछ दिनों के बाद वह व्यक्ति फिर बीमार हो गया और जब वह चलने फिरने से मजबूर हो गया तो उसके अपने दास से कहा जाओ और डाक्टर को बुला लाओ।

दास चला गया, कुछ देर के बाद वह आया और उसने कहा कि डॉक्टर कहता है कि मैं उसका इलाज नहीं करूंगा क्योंकि यह अपना वादा पूरा नहीं करता है और खाई हुई क़सम को तोड़ देता है।

यह सुनकर उसको अपनी ग़ल्ती का ऐहसास हो गया और उसने कहा कि डॉक्टर से कहों कि अब मैं वादा नही तोड़ूँगा
दास ने कहाः अच्छा सुनों डॉक्टर ने कहा है कि अगर उसने वादा पूरा किया तो हम भी उसको शिफ़ा देंगे।

इन्सान को चाहिए कि वह जब भी ख़ुदा या किसी इन्सान से कोई वादा करे तो उसको निभाए और उसको वादा तोड़ना नहीं चाहिए इसीलिए खु़दा ने क़ुरआन में फ़रमाया है

اوفوا بالعقود

अपने वादों को पूरा करो।

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