संयुक्त राष्ट्र महासभा में आयतुल्लाह ख़ामेनाई के फ़तवे की गूंज

अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन पत्रों की तरफ़ इशारा करतु हुए जिन्हें ईरानी क्रांति के लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनाई ने लिखा है, कहाः ईरानी के सुप्रीम लीडर ने परमाणु हथियारों के विरोध में फ़तवा दिया है।


टीवी शिया, अमरीका के राष्ट्रपति बाराक ओबामा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की 68वीं बैठक को संबोधित करते हुए कहाः आतंकवाद का ख़तरा अभी भी बाक़ी है, आतंकवाद अभी बाक़ी है और इसको कीनिया, पाकिस्तान और इराक़ में देखा जा सकता है लेकिन अब अलक़ायदा मे इतनी शक्ति नहीं रह गई है कि वह 9/11 जैसा हमला कर सके।

उन्होंने कहाः अलक़ायदा क्षेत्री भुजाओं में बंट गया है और पूरे विश्व के लिए ख़तरा है।

ओबामा ने अफ़ग़ानिस्तान में अमरीका की 12 साला जंग की तरफ़ इशारा करते हुए कहा, अमरीकी सेना अगले साल अफ़ग़ानिस्तान को छोड़ देगी।

ओबामा ने सीरिया के हालात पर बोलते हुए कहाः सीरिया की सरकार ने शांति पूर्ण प्रदर्शनों को बल प्रयोग करते हुए कुचल दिया है। सीरिया का संकट पूरे विश्व के लिए ख़तरनाक और संकट हैं। सीरिया में सुलह का अभी प्रथम चरण है।

अमरीकी राष्ट्रपति के अनुसार सीरिया में रासायनिक हथियारों के प्रयोग को रोके जाने के लिए सीरियाई सरकार के विरुद्ध सुरक्षा परिषद् में शक्तिशाली मत पारित किया जाना चाहिए।

उन्होंने इस बात की तरफ़ इशारा करते हुए कि सैन्य कार्यवाही सीरियाई संकट को हमेशा के लिए हल नहीं कर सकती, कहाः सीरिया के लोग अपने देश के लिए अन्तिम फ़ैसला लेंगे।

ओबामा ने ईरान के परमाणु हथियारों पर बोलते हुए कहाः ईरान के सुप्रीम लीडर ने परमाणु हथियारों के विरोध में फ़तवा दिया है।

उन्होंने कहाःहम ईराम में हुकूमत को बदलना नहीं चाहते हैं और हम ईरानी जनता के लिए शांतिपूर्ण परमाणु उर्जा के अधिकार का सम्मान करते हैं, हम सत्ता बदलने के बजाए इस बात पर ताकीद करते हैं कि ईरानी सरकार अपनी परमाणु हथियारों के फैलाव को रोके जाने की संधि और संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद के फ़सले का सम्मान करे।

ओबामा ने कहाः हम ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी की कोशिशों का सम्मान करेंगे और और अमरीका के विदेश मंत्री इस मामले पर अपनी नज़र रखेंगे।

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