नक़ाब वाले विद्यार्थियों का आना मना है!!!
बर्मिंघम में "मेटरोप्लोटिन कॉलेज" ने विद्यार्धियों से कहा है कि वह किसी भी ऐसे कपड़े या किसी और चीज़ का प्रयोग ना करें जिससे उनका चेहरा छिपता हो ताकि किसी भी समय उनकी पहचान की जा सके।
कुछ विद्यार्थियों ने इस फ़ैसले का स्वागत किया है और कहा है कि यह उनकी सुरक्षा के लिए उठाया गया क़दम है, लेकिन अधिकतर विद्यार्थियों ने इसको नफ़रत भरा और घृणास्पद कहा है।
लड़कियों के लिए नक़ाब को मना किए जाने के कारण कुछ लड़कियां दूसरे कॉलेज में जाने का विचार कर रही है।
17 साल की एक स्टूडेन्ट ने कहाः यह क़ानून मेरी आज़ादी के विपरीत है।
उसने कहा कि मैं और मेरी एक दोस्त पर्दे में थीं नामांकन के बाद हमसे कहा गया कि आप कॉलेज में प्रवेश नही कर सकती हैं।
एक दूसरी 17 साल की लड़की ने कहाः इस क़ानून ने मुझे इतना परेशान कर दिया है कि मैं सोंच रही हूँ कि इस कॉलेज को छोड़कर किसी और कॉलेज में एडमिशन ले लूँ।
उसने कहाः यह कार्य नफ़रत भरा और घृणास्पद है, कपड़े का चुनाव इन्सान का अधिकार है और मैं बर्मिंघम के केन्द्र में स्थापित कॉलेज के द्वारा इस प्रकार के फ़ैसले से आश्चर्य चकित हूँ।
बर्मिंघम एक ऐसा शहर है जिसमें कई प्रकार की संस्कृति वाले लोग रहते हैं और इस शहर के बहुत से विद्यार्थी मुसलमान है।
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