माता-पिता की नारज़गी मौत को कठिन बना देती है

माता-पिता की नारज़गी मौत को कठिन बना देती है

एक व्यक्ति की मौत का समय आ चुका था। उस व्यक्ति की मौत का समय तो आ चुका था लेकिन किसी प्रकार भी आत्मा उसके शरीर से निकल नही पा रही थी। रसूले इस्लाम (अ) उसके पास पहुँचे।
आपने उसे आवाज़ दी और पूछा इस समय तुम्हें क्या दिखाई दे रहा है?
उसने कहा हे अल्लाह के रसूल मुझे दो भयानक चेहरे वाले लोग दिखाई दे रहे हैं और वह इस समय मेरे सामने खड़ें हैं।
आपने वहां बैठे लोगों से प्रश्न किया कि क्या इसकी माँ अभी जीवित हैं?
लोगों कहा हाँ वह अभी जीवित हैं।
आपने कहा उसे यहाँ ले आओं।
जब वह आई तो आपने पूछा क्या तुम अपने बेटे से नाराज़ हो? और अगर नाराज़ हो तो उसे क्षमा कर दो।
उसने कहा हे अल्लाह के रसूल (अ) मैं उससे नाराज़ थी लेकिन आपके कहने से उसे क्षमा कर रही हूँ।
उसके बाद वह व्यक्ति बेहोश हो गया। जब उसको होश आया तो रसूले इस्लाम (स) ने फिर उससे पूछा अब तुम्हे क्या दिखाई दे रहा है?
उसने कहा हे अल्लाह के रसूल (स) भयानक चेहरे वाले चले गए हैं और अब तो बहुत ही अच्छे लोग मेरे सामने खड़े हैं और मैं उन्हें देख कर बहुत प्रसन्न हूँ। उसके बाद उसकी आत्मा उसके शरीर से निकल गई

नई टिप्पणी जोड़ें