?क्या मुन्जी ए जहान (पूरी दुनिया का सुधारक) का अक़ीदा केवल शियों में पाया जाता है

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जवाब- यह अक़ीदा शियों से ही सम्बन्धित नही है, बल्कि सभी धर्मों व मज़हबो में पाया जाता है।

अहले सुन्नत के यहाँ हज़रत इमाम त बहुत सी हदीसें पाी जाती हैं। हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम के सम्बन्ध में शियो व सुन्नियों के बीच केवल यह फ़र्क़ पाया जाता है कि सुन्नी कहते हैं कि हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम पैदा होंगे व शिया कहते हैं कि वह पैदा हो चुके है और ज़िन्दा हैं परन्तु ग़ैबत में जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

यह अक़ीदा इस्लाम के अलावा अन्य धर्मों में भी पाया जाता है जैसे----

1- ज़रतुशत

ज़रतुशतियों की मज़हबी किताब ज़न्द में उपद्रवियों के समापन व नेक लोगों की हुकूमत के बारे में वर्णन हुआ है कि अहरमीनान का लशकर इज़दान के लशकर से हमेशा जंग करता रहता है और अक्सर अहरेमनों की जीत होती है लेकिन इस तरह नही कि वह इज़दान का बिल्कुल सफ़ाया ही करदें, कुछ दिनों के बाद आसमान के ख़ुदा उरमज़्द की तरफ़ से, उसके बेटे इज़दान के पास मदद आयेगी और उनकी जंग नौ हज़ार साल तक चलती रहेगी उसके बाद इज़दान की जीत होगी और अहरमीनान का सफ़ाया हो जायेगा। अहरमीनान का इक़्तेदार (वर्चस्व) तो केवल ज़मीन पर ही है, असमान पर उनका वजूद नही है।

जामासब नामे में उल्लेख हुआ है कि हाशिम की औलाद से एक इंसान ज़मीन से बाहर निकलेगा, जिसका सर, पिंडलियां और ज़िस्म बड़ा होगा और वह अपने जद्द (पूर्वज) के धर्म पर होगा..........।

इसी किताब में एक दूसरी जगह पर उल्लेख हुआ है कि सोशियानिस( सबसे बड़ा निजात देने वाला) दीन को दुनिया में फैलायेंगा, भुख मरी को समाप्त करेगा इज़दान को अहरीमन के हाथो से बाचायेगा और दुनिया के तमाम लोगो के कल्चर, फ़िक्र और किरदार को एक बना देगा।

2- हिन्दु

शाक मुनी जो कि काफ़िर हिन्दुओं का सरदार है और उसके अनुयायी उसको आसमानी किताब के साथ पैग़म्बर मानते हैं, उसने अपनी किताब में आखिरी ज़माने में एक रूहानी के झंडे सभी धर्मों के एक हो जाने की ओर इशारा किया है।

वह लिखता है कि दुनिया के ख़राब हो जाने के बाद, आख़िरी ज़माने में एक बादशाह पैदा होगा जो पूरी दुनिया के लोगों का रहबर होगा, उसका नाम मनसूर होगा, वह पूरी दुनिया पर हुकूमत करेगा और सबको अपने दीन में शामिल कर लेगा।

3- ज़बूर

में है कि शरीरों (उपद्रवियों) का ख़ात्मा हो जायेगा और अल्लाह का इन्तेज़ार करने वाले ज़मीन के वारिस बनेंगे। हाँ कुछ समय बाद कोई शरीर बाक़ी नही रहेगा।

उसकी जगह के बारे में तुम ताम्मुल करोगे और नही कर पाओगे। लेकिन हलीम लोग ज़मीन के वारिस बनेंगे ..........और ज़मीन पर उनकी विरासत हमेशा रहेगी।

4- यहूदी

तौरैत में है कि बाग़ में एक नया दरख़्त उगा है. उसकी शाखें उसकी जड़ से फले फूलेंगी और अल्लाह की रूह उस पर रुकेगी। वह मिसकीनों के लिए अदालत के साथ फैसला करेगा और मज़लूमों के लिए ज़मीन पर सच्ची हुकूमत करेगा।

5- ईसाई

इंजील में है कि अपनी कमर को बाँध लो और अपने चिराग़ों को रौशन रखो और रात में इस तरह रहो जैसे कोई अपने मालिक का इन्तेज़ार करता है .......कितने ख़ुश नसीब हैं वह ग़ुलाम, जिनका मालिक आने के बाद उनको जागता हुआ पाये,........बस तुम भी तैयार रहो, क्योंकि इंसान का बेटा उस समय आयेगा जिसके बारे तुम्हें गुमान भी न होगा।

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