दाइश की हुस्न परियां जो तैयार कर रही हैं लड़ाके
आतंकवादी संगठन दाइश अपने सदस्यों की भर्ती और जवानों को गुट में दाख़िल करने के लिये सुंदर युवतियों का सहारा ले रहा है।
टीवी शिया अलआलम से प्राप्त समाचार के अनुसार एक अमरीकी जवान जो पिछले कुछ दिनों तक धर्म से दूर एक बेहतरीन जीवन जी रहा था लेकिन जब से उसकी जान पहचान दाइश की सदस्य एक सीरियाई लड़की से होती है उसका जीवन पूरी तरह से बदल जाता है।
अलवफ़्द न्यूज़ एजेंसी ने लिखाः इस अमरीकी जवान की जीवन दाइश की सीरियाई लड़की से मिलने के बाद पूरी तरह से बदल गया और कुछ दिनों बाद यह जवान इराक़ में दाइश की सदस्यता के आरोप में पीशमर्गा बलों को हाथों गिरफ़्तार होता है और अदालती कार्यवाही के लिये उसको अमरीका भेजा जाता है।
मोहम्मद ख़ूईस नाम का यह अमरीकी जवान यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट है और उसके परिवार के अनुसार एक शांतिप्रिय इंसान था जो अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद एक बैंक में नौकरी कर रहा था। कुछ दिनों के बाद वह एक सीरियाई लड़की से मिलता है और यह लड़की उसको दाइशियों की फ़िल्मों और उनकी बहादुरी की कहानियों को उससे बयान करती है और उसको जेहाद के लिये तैयार कर लेती है और उसके साथ इश्क़ का खेल खेलती रहती है।
इस रिपोर्ट के अनुसार यह अमरीकी जवान इस लड़की के साथ तुर्की के रास्ते सीरिया और फिर वहां से दाइश में भर्ती होने के लिये इराक़ जाने का प्लान बनाता है, वह लड़की पिछले साल इस जवान को दाइशियों के हाथों सौंप देती है।
गिरफ़्तार होने के बाद मोहम्मद पूछताछ में बताता है कि मामला यहां तक पहुँच गया था कि वह दाइश से अपनी वफ़ादारी साबित करने के लिये आत्मघाती हमलावर तक बनने के लिये तैयार हो गया था, उसने बताया कि उसने दाइश के कैंप में कुछ दूसरे विदेशी सदस्यों के साथ जो कि इसी प्रकार की लड़कियों के द्वारा बहका कर लाए गए थे हथियार चलाने की ट्रेनिंग और अमरीका में आतंकवादी हमला करने की ट्रेनिंग ली है।
इस रिपोर्ट के अनुसार पीशमर्गा बलों ने जब इराक़ की सीमा के पास उसको गिरफ़्तार किया जब उसके पास कई मोबाइल, तुर्की, इराक़ और सीरिया के नक़्शे और वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की तस्वीरें आदि उसके मोबाइल से मिली थीं।
अमरीकी अधिकारियों के अनुसार इस समय कम से कम 85 अमरीकी नागरिक दाइश की तरफ़ से इराक़ और सीरिया में लड़ रहे हैं लेकिन अमरीकी सीनेट के अनुसार अब तक 250 अमरीकी आतंकवादी संगठनों की तरफ़ से लड़ने के लिये इराक़ और सीरिया पहुँच चुके हैं और उनमें से लगभग 20 मारे जा चुके हैं।
मोहम्मद ने अपने कार्य पर निराशा जताते हुए कहाः वह दाइश की एक लड़की के बहकावे में आ गया और इस ग़लत रास्ते पर चल पता है।
उसने अमरीकी जवानों को नसीहत करते हुए कहाः दाइश के साथ रहना बहुत ही भयावह था।
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