क्यों खाना चाहिये अफ़तार के समय खजूर, जाने फ़ायदे
पोषण विशेषज्ञों (Nutrition experts) के अनुसार खजूर खनिज, विटामिन और फाइबर का बहुत बड़ा स्रोत है और इसमें चर्बी बहुत कम पाई जाती है।
टीवी शिया रमज़ान का महीना आते ही बाज़ारों में खजूर बिकने लगता है और जगह जगह यहां तक के ठेलों पर भी यह बिकता हुए आपको मिल जाएगा, इस महीने में लोग विशेषकर मुसलमान खजूर का बहुत प्रयोग करते हैं, लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि हमें केवल रमज़ान के महीने में ही खजूर का प्रयोग नहीं करना चाहिये बल्कि आम दिनों में भी इसको खाते रहना चाहिये ताकि इसमें पाए जाने वाले विटामनों और खनिजों से हमारी शरीर को ज़रूरी ऊर्जा मिलती रहे।
खजूर अफ़तार के समय का बेहतरीन खाना है क्योंकि रोज़ेदार दिन भर रोज़ा रखने के कारण अपने शरीर से बहुत सी ऊर्जा ख़र्च कर चुका होता है और उसक घंटों की भूख व प्यास के बाद यह खजूर है जो उसके शरीर में विटामिनों और खनिजों की कमी को बहुत तीव्रता के साथ दूर कर सकता है और ब्लड शूगर को कंट्रोल कर सकता है।
खजूर पोषक तत्वों से भरपूर है और बहुत जल्द हज़्म हो जाता है और शरीर में खनिजों और शकर की कमी को फ़ौरन दूर करता है थकान को दूर करके रोज़ेदार को शक्ति और फूर्ती देता है।
खजूर में आयरन की भारी मात्रा होने के कारण यह ख़ून की कमी को दूर करने और कैंसर से लड़ने में सहायक है।
खजूर के फ़ायदे
इसमें फास्फोरस और कैल्शियम होने के कारण यह हड्डियों और दांतों को मज़बूत बनाता है, और विटामिन ए के कारण यह आखों की रौशनी बढ़ाता है और रतौंधी की बीमारी को दूर करता है।
श्रवण तंत्रिका को मजबूत और उनको आराम देता है, खजूर को जिगर और पीलिया जैसी बीमारियों को इलाज माना जाता है, होंठों को फटने से रोकता है, त्वचा में नमी बनाए रखता है और नाख़ूनों को टूटने से रोकता है।
खजूर उन कुछ गिनी चुनी चीज़ों में से है जो बैक्टेरीया और रोगाणुओं को खाने वाले के बदन में नहीं जाने देता है यहां तक कि वह “अमीबा” जैसे रोकजनक जीवाणुओं को भी मार देता है।
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