अब वहाबियों ने दुआए कुमैल भी चुरा ली!


सऊदी अरब में एक वहाबी केंद्र ने हज़रत अली अलैहिस्सलाम की प्रख्यात दुआ, दुआए कुमैल के कई अंशों को चुरा कर रमज़ान महीने के उपलक्ष्य में दुआए शामिल के नाम से एक किताब प्रकाशित की है।

अलआलम टीवी के अनुसार सऊदी अरब में दारुल क़ासिम नामक एक वहाबी प्रकाशन केंद्र ने रमज़ान के महीने के उपलक्ष्य में एक दुआए शामिल या व्यापक प्रार्थना नाम से एक किताब छापी है जिसके अधिकांश पृष्ठों में प्रख्यात दुआए कुमैल के वाक्य लिखे हुए हैं।

इस किताब के तथाकथित लेखक का नाम अब्दुल मलिक क़ासिम है जो एक सलफ़ी मौलवी है और उसने इधर-उधर से दुआएं चुरा कर उन्हें अपने नाम से प्रकाशित कर दिया है।

ज्ञात रहे कि यह किताब एेसी स्थिति में प्रकाशित हुई है जब सऊदी अरब के अधिकारियों ने ईरानी नागरिकों को हज से रोकने के लिए एक शर्त यह रखी है कि वे हज के अवसर पर दुआए कुमैल नहीं पढ़ेंगे।

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