सऊदी मुफ़्ती का फ़तवा “रमज़ान करीम” कहना बिदअत है
सऊदी अरब के एक वहाबी मुफ़्ती एवं वरिष्ठ धर्मगुरूओं की परिषद के सदस्य ने कहा है कि "रमज़ान करीम" कहना जायज़ नहीं है और रमज़ान को करीम कहने का कोई धार्मिक आधार नहीं है।
वहाबी मुफ़्ती सालेह बिन फ़ौज़ान अल-फ़ौज़ान ने तर्क दिया है कि करीम ईश्वर का नाम है, इसलिए रमज़ान को करीम कहना ग़लत है।
उल्लेखनीय है कि वहाबी मुफ़्ती अपने अजीबो ग़रीब और अतार्किक फ़तवों के लिए जाने जाते हैं।
अल-फ़ौज़ान ने कहा कि रमज़ान करीम कहना बिदअत है, इसलिए ऐसा कहना पाप है।
हालांकि इस मुफ़्ती का कहना था कि रमज़ान मुबारक, रमज़ान शरीफ़ और रमज़ान अज़ीम कहने में कोई समस्या नहीं है, इसलिए कि हदीस में रमज़ान के महीने को इन गुणों से याद किया गया है।
याद रहे कि शिया और सुन्नी विद्वानों का मानना है कि ख़ुद रमज़ान और अज़ीम ईश्वर के नामों में से हैं और यह सब ईश्वर की महानता को दर्शाते हैं।
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