क्या हिज़्बुल्लाह के कमांडर की शहादत में रूस का हाथ है?
इस्राईली मीडिया का दावा है कि हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैय्यद हसन नसरूल्लाह को संदेह है कि रूस के समर्थन से अमरीका के कमांडोज़ ने हिज़्बुल्लाह के साहसी कमांडर मुस्तफ़ा बदरुद्दीन को शहीद किया है।
एक ज़ायोनी वेबसाइट ने अपनी दावे को साबित करने के लिए 6 बिंदुओं का उल्लेख किया है।
1. रूस की वायु सेना और उसके मिसाइल शील्ड की पूर्व सहमति के बिना सीरिया विशेष रूप से दमिश्क़ में कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता।
2. अमरीका ने हाल ही में हसका शहर में अपने विशेष दस्ते और हेलिकॉप्टर तैनात किए हैं। सीरिया में इस प्रकार का यह अमरीका का पहला अभियान हो सकता है।
3. तीन वर्ष पूर्व अमरीका ने हिज़्बुल्लाह के शहीद कमांडर का नाम सबसे ख़तरनाक आतंकवादियों की सूची में शामिल किया था।
4. जिस स्थान पर कमांडर को शहीद किया गया है, वह बहुत ही गुप्त था। इसके बावजूद हिज़्बुल्लाह को मालूम था कि अमरीका, रूस और इस्राईल इस स्थान के बारे में जानकारी जुटा सकते हैं।
5. कमांडर की शहादत सीरिया के सहयोगियों रूस, ईरान और हिज़्बुल्लाह के लिए एक स्पष्ट संदेश हो सकता है।
6. इराक़ के वरिष्ठ शिया धर्मगुरू मुक़तदा सद्र ने लेबनान के अपने हालिया दौरे के दौरान, हसन नसरूल्लाह और बदरुद्दीन से इराक़ में अपने समर्थकों की सहायता की अपील की थी। इसलिए बदरुद्दीन को शहीद करने वाले वे लोग हैं, जो इस अपील के विरोधी थे।
इस्राईली मीडिया की ओर से यह दावा ऐसी स्थिति में किया जा रहा है कि जब गत शुक्रवार को अमरीका ने एक बयान जारी करके इस प्रकार की अफ़वाहों को निराधार बताया था।
दूसरी ओर हिज़्बुल्लाह ने शनिवार को एक बयान जारी करके कहा था कि उसके कमांडर की मौत तोप के गोले से हुई है।
उल्लेखनीय है कि बदरुद्दीन की शहादत में शामिल न होने का दावा करने के लिए या ख़ुद को बचाने के लिए इस्राईल अभूतपूर्व कोशिश कर रहा है।
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