सीरिया के गाँव "ख़ान तूमार" पर आतंकवादियों काे क़ब्ज़े कारण और महत्व + पूरी रिपोर्ट


सीरिया का एक छोटा सा गाँव खान तूमार इस समय लोगों की ज़बानों पर छाया हुआ है, एक ऐसी जंग जिसमें बहुत से प्रतिरोधी बलों ने अपनी शहादत पेश की, लेकिन प्रश्न यह है कि आख़िर एक छोटा से गाँव की अहमियत इतनी क्यों हो गई जिसके लिये इतने लोगों को अपना खून देना पड़े, और आख़िर क्या कारण है कि आज यह गाँव आतंकवादियों के क़ब्ज़े में है।

टीवी शिया अलआलम के अनुसार सीरिया के इस गाँव पर आतंकवादियों के क़ब्ज़े का एक कारण आतंकवादियों द्वारा संघर्ष विराम का उल्लंघन करना है, यानी संघर्ष विराम की घोषणा के एक दिन बाद ही आतंकवादियों ने इस क्षेत्र पर आक्रमण किया है।

ख़ान तूमार सीरिया के हलब राज्य के जबल समआन का एक गाँव है, यह गाँव हलब शहर के दस किलोमीटर की दूरी पर है, ख़ान तूमार के हलब दमिश्क़ राष्ट्रीय राज्य मार्ग के क़रीब होने के कारण सामरिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है, और एक पहाड़ की चोटी पर स्थित है।

ख़ान तूमार पर आतंकवादियों के क़ब्ज़े के कारण

1. अमरीका और उसको सहयोगी देशों की तरफ़ से आतंकवादियों के हथियार की सप्लाई

क्षेत्र में अमरीका और उसके सहयोगी देश आतंकवादी संगठनों जैसे जैशुल इस्लाम, अहरारुल शाम, फ़त्हुल इस्लाम, जुंदुल अक़सा और दूसरे आतंकवादियों को उदारवादी विपक्षी समूहों मानते हैं। पिछले कुछ दिनों में इन संगठनों के हज़ारों आतंकवादियों को इस क्षेत्र में बुलाया गया है, कहा जा रहा है कि इन आतंकवादियों के संख्या 3 हज़ार के क़रीब है।

2. सऊदी अरब और तुर्की की तरफ़ से सैन्य समर्थन

आतंकवादी संगठनों के क्षेत्र समर्थकों विशेषकर सऊदी अरब ने इस अभियान के लिये आतंकवादियों को हथियार सप्लाई किये हैं और उनको टाव और कोरेंट जैसे मीज़ाइलों की बड़ी खेप पहुँचाई है।

सऊदी अरब और तुर्की ने ख़ान तूमार पर आतंकवादियों के क़ब्ज़े में बहुत बड़ा रोल अदा किया है।

3. जिब्हतुन नुस्रा के क़ब्जे वाले स्थानों का चिन्हित न होना

सीरिया में संघर्ष विराम के रास्ते में आतंकवादी संगठन जिब्हतुन नुस्रा के क्षेत्रफल का चिन्हित न होना एक बड़ी रुकावट है, इस प्रकार कि अलग अलग स्थानों से आतंकवादियों को बुला कर जिब्हतुन नुस्रा के झंडे तले ख़ान तूमार भेजा गया।

हलब और अदलब में जिब्हतुन नुस्रा के क़ब्ज़े वाले स्थानों की अस्पष्टता के चलते दूसरे आतंकवादी संगठन जिब्हतुन नुस्रा के झंडे का इस्तेमाल करके संघर्ष विराम को तोड़ रहे हैं।

4. संघर्ष विराम के लिये किसी गारंटी का न होना

सीरिया में जारी संघर्ष विराम की सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि उसके लिये कोई अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों की निगरानी नहीं है।

ख़ान तूमार पर आतंकवादियों द्वारा संघर्ष विराम का उल्लंघन करके क़ब्ज़ा किये जाने ने दिखा दिया है कि सीरियाई सेना और स्वंयसेवी बलों को अब और अधिक चौकन्ना रहना होगा ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटना हो दोहराया न जा सके।

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