सऊदी अरब ने हज के दिनों में दुआ पढ़ने पर रोक लगाई

पिछले साल हज के दिनों में होने वाली त्रासदी के बाद जहां एक तरफ़ यह सोचा जा रहा था कि हाजियों की सुरक्षा के लिये कड़े कदम उठाए जाएंगे लेकिन उसके उलट सऊदी अरब के हज मंत्रालय ने ईरानी हाजियों को स्वीकार करने के लिये अजीब सी शर्तें लगा दी हैं।

टीवी शिया अलआलम से प्राप्त समाचार के अनुसार सऊदी अरब के हज मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया है कि एक ईरानी दल के साथ मुलाक़ात में हमारे मंत्री ने हाजियों के एक स्थान पर जमा होने, नारे लगाने और ऊँची आवाज़ में दुआ पढ़ने पर रोक लगाए जाने की बात कही है।

उन्होने कहा इस मुलाक़ात में नारे लगाने और दुआ पढ़ते समय आवाज़ तेज़ करने से रोका गया है।

जबकि सऊदी अरब के हज मंत्रालय की तरफ़ से यह उस समय में कहा जा रहा है कि पिछले कुछ सालो में जहां ईरानी हाजियों ने कोई नारा नहीं लगाया है कि वहीं मक्के और मदीने के किसी भी सार्वजनिक स्थल पर जमा नहीं हुए हैं और वह केवल एक ही कार्य करते हैं जो बैलुन हरमैन में दुआए कुमैल का है और वह भी वहां के अधिकारियों की देख रेख में पूर्व रूप से व्यवस्थित और शांतिपूर्ण होता है।

ऐसा लगता है कि सऊदी अरब ने यह क़दम दूसरे हाजियों के बीच दुआ के माध्यम से शियों की बढ़ती लोकप्रियता को रोकने के लिये किया जा रहा है क्योंकि सऊदी अरब को डर है कि अगर यह कार्यक्रम इसी प्रकार चलता रहा है तो यह उसके वहाबी साम्राज्य के लिये हानिकारक हो सकता है

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