एक आतंकवादी जो “जन्नत” से बचकर भाग निकला

समाचार पत्र गार्डियन ने एक पूर्व आतंकवादी के तुर्की के रास्ते आईएस में शामिल होने और उसके तीन महीने बाद इस संगठन को छोड़ भागने की कहानी छापी है।

टीवी शिया इस समाचार पत्र में राब्रट ओ वर्स ने “दुविधा में पड़ा जिहादी” शीर्षक से लिखे लेख में आतंकवादी संगठन से भागे हुए एक आतंकवादी अबू अली की कहानी लिखी है।

वह लिखता है कि अबू अली उसका उपनाम है जनवरी के महीने में वह तुर्की के रास्ते सीरिया में प्रवेश करता है, यह वह समय है कि जब दाइश अपने चरम पर था, अबू अली कहता है कि उसने यह कार्य एक सफ़ाई कर्मचारी को सीरिया में 75 लीरा देकर किया, यह कर्मचारी उसको लेकर एक ऐसे स्थान पर पहुँचा जहां सीमा पर तार टूटे हुए थे, लेकिन इस लंबी यात्रा में उसके दिल में दुविधा बैठ गई।

लेखक कहता हैः इस व्यक्ति ने नए नाम के साथ नया जीवन शुरू किया और वह भी दाइश के दूसरे तमाम सदस्यों की भाति नया रूप और रंग चाहता था।

गार्डियन के लेखक का कहना है कि उसने अबू अली से सीरिया और तुर्की की सीमा पर एक गाँव अफ़रा में मुलाक़ात की जब वह तीन महीने तक दाइश के साथ रहने के बाद भाग आया था, वह कुछ तसकरों की सहयाता से दाइश के चंगुल से निकल भागने में कामयाब हुआ था।

गार्डियन के अनुसार सामान्यता आतंकवादी संगठन दाइश लोगों को इस संगठन में शामिल करने के लिये छोरी छिपे लाता था, लेकिन अबू अली स्वंय अकेला सीरिया पहुँचा था, और वह इस गुट में शामिल होने के लिये अंदर से पूर्ण रूप से तैयार भी न था। अबू अली कहता है कि जब एक दिन दाइश के एक लीडर ने उसको विस्फोटक बेल्ट पहनने और फिदायीन हमला करने की ज़िम्मेदारी उसको दी तो उसके उसका विरोध कर दिया और कहाः तुम स्वयं यह कार्य क्यों नहीं करते हो? तुम तो मुझसे भी ज़्यादा जन्नत जाने की तमन्ना रखते हो!!

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