दमिश्क़ और मास्को की सहमति से रूसी सेना छोड़ेगी सीरिया
सीरिया ने घोषणा की है कि इस देश से रूसी सेना के बाहर निकलने का फ़ैसला दमिश्क़ और मास्को के बीच मतभेद का नतीजा नहीं है बल्कि दोनों पक्षों की सहमति से रूस ने सीरिया में अपने सैनिकों की संख्या कम करने का फ़ैसला किया है। यह बात सीरियाई सरकार के बयान में कही गई है।
उधर सीरिया की सेना ने भी एक बयान में कहा है कि दाइश, अन्नुसरह तथा अन्य आतंकी संगठनों के विरुद्ध लड़ाई जारी रहेगी।
रूस के राष्ट्रपति व्लादमीर पुतीन ने सोमवार को घोषणा की कि रूसी सेना का बड़ा भाग सीरिया से बाहर निकल जाएगा तथा कूटनयिकों से कहा गया है कि वह सीरिया संकट के राजनीतिक समाधान के लिए अधिक प्रयास करें।
इसी बीच संयुक्त राष्ट्र संघ में रूस के प्रतिनिधि विटाली चोरकिन ने कहा है कि रूस के इस फ़ैसले से शांति वार्ता में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि सीरिया में रूस की सेना रहेगी लेकिन उसकी ज़िम्मेदारी संघर्षरत पक्षों के बीच हुए युद्ध विराम की निगरानी होगी।
सीरिया सरकार के विरोधी संगठन के प्रवक्ता सलीम मुसल्लत ने कहा कि यदि रूस सेना निकालने के फ़ैसले में गंभीर है तो इससे शांति वार्ता में मदद मिलेगी।
सीरिया से सेना निकालने के रूस के फ़ैसले पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।
ब्रिटेन के विदेश मंत्री फ़िलिप हेमोंड ने कहा कि यदि यह क़दम सीरिया में राजनीतिक प्रक्रिया के प्रति प्रतिबद्धता का एक भाग हो तो सकारात्मक क़दम है।
फ़्रांस के रक्षा मंत्री जान ईव लोदरियान ने एक साक्षात्कार में कहा कि रूस की सेना ने तथाकथित मध्यमार्गी विद्रोहियों पर हमले रोक रखे हैं।
याद रहे रूस ने सीरिया में आतंकी संगठनों के ठिकानों पर प्रभावी रूप से हमले किए और सीरियाई सेना ने तेज़ी से ज़मीनी आप्रेशन किया जिससे आतंकी संगठन बहुत कमज़ोर स्थिति में पहुंच चुके हैं।
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